Martyr Pardeep: गांव जाजनवाला के लांसनायक पैरा कमांडो प्रदीप नैन जम्मू-कश्मीर में कुलगाम जिले के मोदेरगाम में आंतकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. सोमवार को शहीद प्रदीप का पार्थिव शरीर पैतृक गांव पहुंचा. यहां भारी संख्या में लोग और आर्मी के जवान प्रदीप नैन को अंतिम विदाई देने पहुंचे. आर्मी वेटरन एसोसिएशन के जोनल प्रेजिडेंट राजबीर सिंह ने बताया कि शहादत से पहले प्रदीप नैन ने पांच आतंकियों को मार गिराया था. प्रदीप नैन ही जवानों की टुकड़ी को लीड कर रहा था. आर्मी के अधिकारी, पूर्व अधिकारी और जवान और पुलिस के जवान बड़ी संख्या में शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए पहुंचे. प्रदीप नैन ने 12वीं कक्षा पास करने के बाद सेना में जाने की तैयारी शुरू कर दी थी. प्रदीप नैन एक्सीलेंट में फिजीकल तो पास कर देता था लेकिन पेपर में रह जाता था. उसने दो बार लिखित परीक्षा दी लेकिन वो सफल नहीं हुआ. प्रदीप नैन ने तीसरी बार अच्छी तैयारी कर लिखित परीक्षा पास कर ली और वह 17 जनवरीए 2015 में हिसार में आम्र्ड फोर्स में भर्ती हो गया.
शहीद लांस नायक प्रदीप नैन ने आम्र्ड फोर्स के बाद आगे बढ़ने के लिए अगस्त 2019 में स्पेशल फोर्स पैरा कमांडो को ज्वाइन किया था. इसके बाद उसने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। उसके बैच मैट रहे सफीदों के गांव मलार वासी मोहित शर्मा ने बताया कि वो हिम्मत वाला व निडर युवक था. उसको टैंक का भी ज्ञान था. वह पीटी में हमेशा प्रथम रहता था। उसको स्काई डाइविंग करने का भी शौक था. वह प्री फोलर जंपर था और दूसरों को स्काई डाइविंग करने का डेमो देता था. वह 30 हजार फीट की ऊंचाई से स्काई डाइविंग करते हुए अपने मोबाइल फोन में वीडियो बनाता था. उसने 100 से ज्यादा बार स्काई डाइविंग की है. उन्होंने बताया कि पैरा कमांडो में जाने के लिए 350 को कोर्स के लिए भेजा था. जिसमें से केवल 25 ही फीट हुए थे. वहीं हरियाणा के जींद जिला से प्रदीप नैने वो तथा जींद वासी संजीव पैरा कमांडों में चयनित हुए थे.
15-20 खतरनाक आपरेशन में ले चुका था प्रदीप नैन
प्रदीप नैन के बैच मैट रहे सफीदों के गांव मलार वासी मोहित शर्मा ने बताया कि वो नैन ने 15-20 आपरेशन में भाग लिया था. जिसमें वह चाइना बार्डर पर भी तैनात रहा था.उसको जहां भी आपरेशन में भेज दिया जाता, वो सबसे आगे जाने की बात कहता रहता था. उसको इस बात का डर ही नहीं था कि उसको आपरेशन में गोली लग जाएगी. उसको दिल्ली में 63 कालवरी में सर्वश्रेष्ठ वालिंयर के खिताब से नवाजा था. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में भी सर्च आपरेशन में प्रदीप नैन को भेजा गया था. जहां पैरा कमांडों के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस व सीआरपी के जवान भी थे. उन्होंने बताया कि आपरेशन के तहत पुलिस जहां आंतकवादी घर में घुसे होते हैं, उस घर को पहले चारों से लोकल पुलिस घेर लेती है. उसके बाद वो पीछे हट जाते हैं, तो पैरा कमांडो मोर्चा संभाल लेते हैं.
साभार – हिंदुस्थान समाचार