महज कुछ ज्यादा पैसों के लालच और विदेश जाकर काम करने के चक्कर में भारत के कई युवा अमेरिका जाना चाहते हैं. सामान्य तौर पर एक देश से दूसरे देश जाने के लिए वीजा या पासपोर्ट की आवश्यकता होती है. वहीं दूसरी तरफ यदि दो देशों के बीच रिश्ता अच्छा हो तो, वहां वीजा की आवश्यकता नहीं होती है. ठीक उसी तरह जिन लोगों को विदेशों में जाने के लिए पासपोर्ट नहीं मिल पाता है, वह अवैध और गलत तरीके का इस्तेमाल कर विदेश जाते हैं. अवैध तरीके से विदेश जाने की प्रक्रिया को ही डंकी रूट (Dunki Route) कहा जाता है.
जानें क्या है डंकी रुट?
डंकी एक वजह पंजाबी शब्द है. जिसका मतलब होता है एक स्थान से दूसरी स्थान पर जाना. डंकी रुट एक अवैध तरीका है जिसके जरिए लोग विदेश जाते हैं. वहीं इस शब्द से जुड़ी एक और कहानी है. जिसमें कहा गया है कि एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए गधे के समान चलना पड़ता है इसलिए भी इसे डंकी रूट कहा जाता है.
डंकी रुट को क्यों माना जाता है अवैध
डंकी रूट को अपनाकर लोग अवैध या गलत तरीके से दूसरे देशों के बॉर्डर को पार करते हैं. आमतौर पर इस तरीके का इस्तेमाल उन लोगों के द्वारा किया जाता है, जिन्हें विदेश जाने के लिए वीजा नहीं मिल पाता है. गैरकानूनी ढंग से लोगों को विदेश भेजने के लिए इस डंकी रुट प्रक्रिया को पूरी तरह से अवैध बताया गया है.
इन कारणों से डंकी रुट को माना जाता है अवैध
1- जान का खतरा
डंकी रूट के जरिए जो भी लोग विदेश जाते हैं, उन्हें कई सारे देशों की सीमाओं, नदियों और जंगलों को पार करना पड़ता है. वैसे तो भारत से अमेरिका की दूरी 13, 500 किलोमीटर है. जो हवाई जहाज के जरिए करीब 20-21 घंटे में पूरी हो जाती है लेकिन अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचे में कई बार बहुत महीने लग जाते हैं.
युवक देशों की सुरक्षाबलों की नजरों से छुप-छुपाकर सीमाओं को पार करते हैं. जंगलों में जानवरों से खुद को बचाना भी बहुत मुश्किल टास्क होता है. कई बार अवैध तरीके से विदेश जाने वाले नागरिकों को काफी दिनों तक बिना खाए-पिएं रहना पड़ता है जिसे उनकी मौत भी हो जाती है.
2- देश की सुरक्षा पर खतरा
अवैध तरीके से विदेश जाने वाले लोग देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा साबित होते हैं क्योंकि पकड़े जाने पर जहां एक तरफ देश की छवि पर इसका बुरा असर देखने को मिलता है. कई बार लोग विदेश में रहने और पैसे कमाने के लालच में आंतकी संगठनों के साथ भी मिल जाते हैं.
वहीं अवैध तरीके से विदेश जाने पर डॉक्यूमेंट्स की जांच नहीं होती है. ऐसी स्थिति में आतंकियों के प्रवेश करने की संभावना बढ़ जाती है.
3- इमिग्रेशन के कानून का पालन न करना
सामान्य तौर पर विदेश जाने के लिए इमिग्रेशन कानून का पालन किया जाता है लेकिन जो लोग अवैध तरीके से विदेश जाते है, वह इमिग्रेशन के कानून का उल्लंघन करते हैं.
4- शोषण और धोखाधड़ी का शिकार होना
एजेंट्स के जरिए जितने भी लोग अवैध रुप से अमेरिका जाते हैं, वहां उन्हें कई तरह के अवैध शोषण का शिकार होना पड़ता हैं. जो कुछ इस प्रकार है.
- कई बार अवैध प्रवासियों को उनके एजेंट्स के द्वारा मानव तस्करी का शिकार होना पड़ता है. जैसे तस्कर और कोयोट एजेंट अमेरिका पंहुचाने का वादा तो करते हैं, लेकिन लोगों को बीच रास्ते में ही छोड़ देते हैं.
- एजेंट्स जानबूझकर अवैध प्रवासियों को गलत रास्ते से ले जाकर जाते हैं और उन्हें पुलिस को सौंप देते हैं.
- एजेंट्स विदेश जाने वाले लोगों को बंधक बना लेते हैं और उनके परिवार वालों से पैसौं की मांग करते हैं.
डंकी रुट से अमेरिका पहुंचकर लोग क्या करते हैं काम?
ज्यादा पैसों के लालच में अवैध तरीके से अमेरिका जाने वाले लोग ज्यादातर लोग कम पढ़े-लिखे होते हैं. इस वजह से ये लोग होटलस, घरों में हेल्पर, गाड़ी साफ करना, दुकानों और गोदामों में हेल्पर के तौर पर काम करते हैं.
बता दें, इस काम के लिए इन लोगों को वेतन भी कम दिया जाता है क्योंकि जो लोग इन्हें काम पर रखते हैं वह इस बात को जानते हैं कि ये लोग अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचे हैं. यदि कोई अमेरिकी नागरिक इन कामों को करता है, तो उनकी सालभर की आय 1.25 करोड़ तक होती है, लेकिन अवैध तरीके से आए लोग इन कामों के जरिए करीब 50-60 लाख रुपये तक ही कमा सकते हैं.
हरियाणा में कितने युवा डंकी रुट के जरिए पहुंचते हैं अमेरिका
भारत में डंकी रूट के जरिए अमेरिका में ज्यादातर लोगों में पंजाब-हरियाणा और गुजरात शामिल है. जानकारी के मुताबिक हरियाणा के कैथल, सिरसा, पानीपत, करनाल और कुरुक्षेत्र जिलों के ज्यादातर लोग एजेंट्स के जाल में फंसकर डंकी रूट का सहारा लेकर अमेरिका जाते हैं.
अभी हाल में ही (फरवरी, 2025) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अवैध रुप से आए 388 भारतीयों को डिपोर्ट किया था. जिसमें पहले राउंड में 33 हरियाणा राज्य के लोग शामिल थे.
बता दें, डंकी रूट के तहत अमेरिका पहुंचने में भारत तीसरे स्थान पर आता है. पहले स्थान पर मेक्सिकन और दूसरे पर सल्वाडोर देश है.
अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (USCBP) के अनुसार, अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच, लगभग 96,917 भारतीयों को अवैध रूप से अमेरिका में घुसते हुए पकड़ा गया था.
जानें पिछले 12 सालों में अमेरिका से डिपोर्ट हुए अवैध प्रवासियों का पूरा आंकड़ा
अमेरिका में अवैध रुप से रहने वालों को वापस उनके देश भेजने का ये कोई पहला मामला नहीं है. हर साल अमेरिका में अवैध प्रवासियों का निर्वासन (डिपोर्ट) करने की प्रक्रिया होती है. सबसे ज्यादा डिपोर्ट ट्रंप प्रशासन के काल में हुए हैं. साल 2017-2021 तक डोनाल्ड ट्रंप का पहला कार्यकाल था. जिसमें साल 2019 में उन्होंने 2042 भारतीयों को डिपोर्ट किया था.
हाल ही में राज्यसभा सत्र 2025 में विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने साल 2009 से लेकर साल 2024 तक अमेरिका से डिपोर्ट हुए भारतीय प्रवासियों का पूरा आंकड़ा शेयर किया था. उन्होंने बताया कि साल
- 2009 में 734
- 2010 में 799
- 2011 में 597
- 2012 में 530
- 2013 में 550
- 2014 में 591
- 2015 में 708
- 2016 में 1303
- 2017 में 1024
- 2018 में 1180
- 2019 में 2024
- 2020 में 1889
- 2021 में 805
- 2022 में 862
- 2023 में 670
- 2024 में 136
- 2025 में 104 लोगों को डिपोर्ट किया था.
वहीं अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफ़ोर्समेंट के अनुसार:
- साल 2018 से 2023 के बीच कुल 5477 भारतीयों को अमेरिका से भेजा गया था.
- साल 2024 में अमेरिका ने 1529 अवैध प्रवासियों को वापस भारत भेजा था.
- साल 2023 नवंबर से साल 2024 अक्टूबर तक 519 भारतीयों को अमेरिका में भारत डिपोर्ट किया गया था.
भारत डिपोर्ट हुए अवैध प्रवासियों पर क्या होता है कोई केस?
अमेरिका से भारत डिपोर्ट हुए अवैध प्रवासियों के वीजा की जांच होती है. कई बार लोग टूरिस्ट वीजा लेकर अमेरिका तो आ जाते हैं, लेकिन वहां पर अवैध प्रवासी बनकर रहने लगते हैं. तो इस तरह के मामले में उनके खिलाफ कोई सजा नहीं होती है क्योंकि उनके द्वारा किया गया अपराध विदेश में हुआ है.
वहीं, दूसरी ओर यदि कोई अवैध प्रवासी यदि भारत में कोई अपराध करके गलत तरीके से अमेरिका चले जाते हैं या वहां पर मानव तस्करी के जरिए अमेरिका पहुंचते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाता है. मामला दर्ज होने पर अवैध प्रवासियों को जेल भी होती है.
- जो लोग अवैध तरीके से विदेशी सीमाओं को पार करते हैं, तो उन लोगों के खिलाफ इमिग्रेशन अधिनियम, 1983 के तहत कार्रवाई की जाती है.
- अगर कोई भारतीय नागरिक भारत से भागने के बाद किसी गलत तरीके से अपनी प्रॉपर्टी या धन को भी विदेश ले जाते हैं, तो उनके खिलाफ सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के तहत कार्रवाई हो सकती है.
- अगर कोई अवैध प्रवासी ने अपने वीजा में कोई छेड़छाड़ या उसे नष्ट कर दिया हो, तो उसके खिलाफ नागरिकता अधिनियम 1955 व पासपोर्ट अधिनियम 1967 के अनुसार कार्रवाई हो सकती है.
- अगर मानव तस्करों को डंकी रुट के जरिए अमेरिका पहुंचाने के लिए पैसे दिए जाते हैं, तो ऐसी स्थिति में आयकर अधिनियम 1961 में ईडी कार्रवाई कर सकती है.
एजेंट्स के खिलाफ FIR हुई थी दर्ज
युवाओं को अवैध तरीके से विदेश जाने में एजेंट्स काफी अहम भूमिका निभाते हैं लेकिन अब सरकार ने इन एजेंट्स (ट्रेवल एंजेट्स भी शामिल) के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है.
हाल ही में अमेरिका से भारत डिपोर्ट हुए अवैध प्रवासियों में 111 लोग हरियाणा के शामिल है. इन्हीं में से 3 लोगों ने करनाल के 4 एजेंट्स के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किया. पुलिस ने इमिग्रेशन एक्ट के तहत FIR दर्ज की थी.
करनाल के DSP राजीव कुमार के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार इसी मामले को लेकर साल 2024 में कुल 144 एजेंट्स के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी. जिसमें से 83 को गिरफ्तार कर लिया था. बाकी 37 के खिलाफ लुक आउट का नोटिस भी जारी किया था. फिलहाल पुलिस के द्वारा ऐसे एजेंट्स को पकड़ने का अभियान जारी है, जो लोगों को झांसा और धोखा देकर गलत तरीके से विदेश भेजते हैं.
हरियाणा सरकार ने एजेंट्स के खिलाफ उठाए सख्त कदम
हरियाणा सरकार ऐसे एजेंट्स को पकड़ने को कोशिश मे जुटी हुई है. हरियाणा में मनोहर लाल सरकार के समय से ऐसे धोखेबाज एजेंट्स और दलालों को पकड़ने का काम जारी है, जो अवैध तरीके से लोगों से भारी रकम में पैसे ले उन्हें विदेश भेजने का वादा करते हैं.
One India के अनुसार, हरियाणा के कुरुक्षेत्र में 46, यमुनानगर में 30 और सिरसा में 42 ऐसे एजेंट् हैं, जो लोगों को झांसा देकर उनसे पैसे लूटते हैं. राज्य के कुल 18 जिलों में अवैध रुप से ऐसे एजेंट्स और ट्रैवल एजेंट्स हैं.
धोखेबाज एजेंट्स को पकड़ने के लिए सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का भी गठन किया था.
हरियाणा सरकार ने विधानसभा में पारित किया अवैध ट्रेवल एजेंट्स के खिलाफ विधेयक
हरियाणा सरकार ने विधानसभा बजट सत्र 2025 में अवैध रुप से चल रहे ट्रैवल एजेंट्स के खिलाफ शिकंजा कसते हुए 26 मार्च को एक ‘हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण एवं विनियमन विधेयक’पास किया. इस कानून का उद्देश्य राज्य में उन एजेंट्स पर रोक लगाना है, तो मासूम लोगों को बहला-फुसलाकर अवैध तरीके से विदेश भेजने का प्लानिंग करते हैं और इस काम के लिए बदले में उनसे लाखों रुपये मांगते हैं.
CM सैनी ने इस विधेयक को 15 मार्च को सदन में पेश किया. इस कानून के तहत राज्य में मौजूद सभी ट्रैवल एजेंसियों को अपना पंजीकरण करना जरुरी होगा. यदि कोई ट्रेवल एजेंट ऐसा नहीं करता है, तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
माल्टा वोट ट्रेजेडी में अवैध रुप से विदेश जाने वालों में 170 भारतीयों को हुई थी मौत
आज से 26 साल पहले यानी 26 दिसंबर, 1996 को एक द्वीप देश माल्टा के पास बड़ा हादसा हुआ था. नाव पलटने से करीब 290 यात्रियों की मौत हुई थी. जिसमें 170 भारतीय भी शामिल थे. ये नाव में सवार लोग भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश के थे. यह सभी पैसे कमाने के लिए अवैध तरीके से विदेश जा रहे थे.
यहां जानें अमेरिका से भारत डिपोर्ट हुए कुछ हरियाणा के ताजा मामलें
अवैध रुप से अमेरिका जाने के लिए लोग लाखों रुपये एजेंट को देते हैं. वहीं ऐसे ही कुछ मामलों के बारे में आपको जानने के लिए मिलेगा.
1- करनाल जिले के अनुज 45 लाख में डंकी रुट के जरिए गए थे US
हरियाणा के करनाल जिले के अनुज 45 लाख रुपये खर्च करके अमेरिका गए थे. अनुज के बड़े भाई ने बताया कि जमीन बेचकर, उधार लेकर अनुज को अमेरिका भेजा था. दूसरों लोगों को देखकर इसने भी अमेरिका जाने की जिद्द की थी लेकिन कुछ ही समय बाद डिपोर्ट होकर अनुज वापस आ गया.
अनुज के पिता का कहना था कि एजेंट हर कुछ दिनों में अपनी बात को बदल देता था. उन्होंने बताया कि सालवान गांव कां एजेंट था, जिसे किश्तों में पैसे देकर अनुज अमेरिका गया था.
2- कैथल के मनदीप ने अमेरिका जाने के लिए एजेंट को दिए 40 लाख
- कैथल जिले तके मनदीप का परिवार खेती बाड़ी करता है. मीडिया को बात करते हुए मनदीप ने बताया कि पहले उन्होंने पढ़ाई के आधार पर अमेरिका जाने का फैसला लिया था, लेकिन उन्हें वीजा नहीं मिल पाया. जिसके बाद डंकी रुट के तहत उन्होंने अमेरिका जाने का मन बनाया. इसके लिए उन्होंने एजेंट को 40 लाख रुपये दिए थे.
- 40 लाख रुपयों का इंतजाम करने के लिए मनदीप ने अपने घर की एक एकड़ जमीन बेची, रिश्तेदारों से ब्याज पर पैसे उधार लिए,. लेकिन आखिर में वह डिपोर्ट होकर भारत वापस आ गए.
- मनदीप ने बताया कि एजेंट ने शुरूआत में कहा था कि वह एक महीने में अमेरिका भेज देंगे, लेकिन अमेरिका जाने में मुझे पूरे 5 मीहने का समय लगा.
3- जींद के अजय हुए धोखाधड़ी का शिकार, अमेरिकी पहुंचने के लिए घुमाए 9 देश
- जींद के निवासी अजय ने पानीपत की आर्यन कंसल्टेंसी के संचालक आजाद सिंह और उसके बेटे आर्यन के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की थी. साल 2023 में इस कंसल्टेंसी ने अजय को कनाडा जाकर पढ़ाई करने के लिए डी एंड टूरिस्ट वीजा लगवाने की बात कहीं थी. अजय ने कंसल्टेंसी को इसके बदले 15 लाख रुपये भी दिए थे लेकिन फिर भी कनाडा नहीं भेजा.
- बाद में कनाडा की जगह US भेजने का दावा किया, लेकिन उसके बदले 38 लाख रुपये की मांग की. बाद में परिवार ने 23 लाख रुपये और दिए. इसके बाद अजय को गैर कानूनी तरीके से अमेरिका भेजा गया. जिसके लिए अजय ने उज्बेकिस्तान, पेरू, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, पनामा, ब्राजील, इक्वाडोर जैसे 9 देशों की सीमा पार कर वह अमेरिका पहुंचा.
- वहां पहुंचने के बाद उसे गिरफ्तार करवा लिया गया. जेल से बाहर निकालने के लिए परिवार के सामने पैसों की मांग रखी. इसके बाद अजय के परिवार ने 4 लाख रुपये और दिए. 11 महीने तक जेल में रहने के बाद वह वापस अपने देश भारत लौटा. इस तरह एजेंट ने अजय के परिवार से कुल 45 लाख रुपये हड़प लिए.
4- पानीपत के मनीष ने अमेरिका जाने के लिए दिए 45 लाख
- पानीपत के सौदापुर गांव का रहने वाले मनीष ने अमेरिका जाने के लिए एजेंट को 45 लाख रुपये दिए थे. उसका परिवार पशुपालक है और एक दुकान चलाते हैं. मनीष अमेरिका जाकर रहना चाहता था.
- परिवार ने मनीष को यूस भेजने के लिए दुकान को 47 लाख रुपये में बेची थी. एजेंट ने 45 लाख रुपये लेकर 5 जनवरी को मनीष को अमेरिका भेजा था. बाद में उसे वापस डिपोर्ट करा दिया गया.
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