राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देश की एकता को लेकर एक बड़ा मैसेज दिया है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पूरा देश एक साथ नजर आया. इस तरह की एकता हमेशा बनी रहना चाहिए. साथ ही उन्होंने दोहरी सोच और दो नेशन थ्योरी को भी देश के लिए खतरा बताया है.
“जब तक द्विराष्ट्रवाद का भूत क़ायम है तब तक आतंक का खतरा बना रहेगा।” – डॉ मोहन भागवत#RSSNagpurVarg pic.twitter.com/IBkgvWFQbV
— RSS (@RSSorg) June 5, 2025
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि जब तक टेढ़ापन कायम है, द्वि-नेंशन थ्योरी का भूत जब तक मन में रहेगा. शांति से रहने के लिए दोनों देश अलग-अलग हुए थे, लेकिन अलग होने के बाद पाकिस्तान के द्वारा अशांति करना शुरू कर दिया. इस तरह का दोहरापन जब तक जाएगा नहीं, देश पर तब तक खतरा मंडराता रहेगा. उन्होंने कहा कि विचारों को लेकर हुआ विभाजन देश के सामाजिक ताने-बाने के लिए चुनौती बन गया है.
जबरन किया गया धर्मांतरण हिंसा के समान : RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत
नागपुर में आयोजित हुए RSS के कार्यकर्ता विकास-वर्ग-2 के समापन समारोह में भागवत ने कहा कि लालच, जबरदस्ती और यह कहकर कि तुम्हारे पूर्वजों द्वारा चुना गया रास्ता गलत है, लेकिन तुम्हें अब यही रास्ते का चुनना है इस तरह से किया गया धर्मांतरण भी हिंसा के बराबर ही है. हमने कभी भी इसका समर्थन नहीं किया है.
आगे उन्होंने कहा कि अगर कोई अपने मन से पूजा करने के लिए अपने तरीके को बदलना चाहते हैं तो हमारे यहां इस बात पर कभी किसी ने कोई आपत्ति नहीं की है. हमको किसी भी संप्रदाय से कोई दिक्कत नहीं है. ईसा-मसीह या पैगंबर सबके प्रति हमारी श्रद्धा है.
अपने संबोधन में आगे उन्होंने कहा कि नीतियों में परिवर्तन लाने के लिए समाज में परिवर्तन लाना जरुरी है.
RSS प्रमुख ने कहा कि निश्चित होगा परिवर्तन क्यों जाग रहा है जन-मन-गण, इन जन-मन-गण को जागृत करने वाला वातावरण बनाने का काम करने के लिए देशव्यापी कार्यकर्ता समूह का निर्माण करने का काम संघ का ही है. उन्होंने कहा कि हम कभी किसी को मदद के लिए पुकारते नहीं है, जो खुद से आ जाए उसका हम स्वागत करते हैं.















