India Population Report: देश में 1950-2015 के बीच हिंदुओं की आबादी 7.8% कम हो गई है. जबकि इन 65 वर्षों में मुस्लिम आबादी 9.84% से बढ़कर 14.09% हो गई. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट (PM Economic Council Report) में इस बात का खुलासा हुआ है.
‘धार्मिक अल्पसंख्यकों की हिस्सेदारी का देशभर में विश्लेषण’ नाम से पब्लिश रिपोर्ट में बताया गया है कि पारसी और जैन समुदाय को छोड़ दें तो भारत के सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों की आबादी में कुल 6.58% की बढ़ोतरी हुई है.
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रिपोर्ट के अनुसार देश की आजादी के बाद से बहुसंख्यक हिंदुओं की आबादी 1950 और 2015 के बीच 7.82% घट गई है. जबकि पड़ोसी देशों में बहुसंख्यक समुदायों की आबादी में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. देश में मुस्लिमों की आबादी 43.15% की बढ़ोतरी के साथ 14.09% पर पहुंच गई है. वहीं, ईसाई धर्म के लोगों की आबादी की हिस्सेदारी 2.24% से बढ़कर 2.36% हो गई है. ठीक इसी तरह सिख समुदाय की आबादी 1.24% से बढ़कर 1.85% हो गई है.
मुस्लमान धर्म की बढ़ी आबादी तो हिंदू धर्म की आबादी में दिखी कमी
रिपोर्ट के अनुसार भारत में हिंदू की आबादी 1950 में जहां 84.68% थी वो 2015 तक घटकर 78.06% हो गई. इस दौरान देश की अल्पसंख्यक आबादी जिसमें मुस्लिम 9.84% से बढ़कर 14.09%, ईसाई समुदाय की 2.24% आबादी 2015 में बढ़कर 2.36% पर तो वहीं सिखों की आबादी 1.24% से 1.85% पर पहुंच गई.
इस दौरान बौद्ध धर्म के अनुयायियों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. बौद्ध धर्म के लोगों जिनकी 1950 मेकुल आबादी में हिस्सेदारी 0.05% थी वो 2015 आते-आते 0.81% की हो गई है. हालांकि जौन और पारसी की आबादी इन वर्षों में कम हुई है. जैन 0.45% से घटकर 0.36% जबकि पारसी 0.03% से घटकर 0.004% रह गए हैं.
जानें क्या है? पड़ोसी देशों के हाल
रिपोर्ट में बताया गया है कि बहुसंख्यक आबादी में गिरावट के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है. पहला नंबर म्यांमार का है, जहां बहुसंख्यक आबादी में पिछले 65 वर्षों में 10% की गिरावट देखने को मिली है. तो वहीं मालदीव इकलौता ऐसा मुस्लिम बहुसंख्यक देश है, जहां मुस्लिमों की आबादी में गिरावट हुई है. मालदीव में बहुसंख्यक समूह की हिस्सेदारी में 1.47% की गिरावट दर्ज हुई.वहीं, बांग्लादेश में बहुसंख्यक धार्मिक समूह की हिस्सेदारी में 18% की बढ़ोतरी हुई, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सबसे बड़ी वृद्धि है. बांग्लादेश मुस्लिम बाहूल है. पाकिस्तान में बहुसंख्यक धार्मिक संप्रदाय की हिस्सेदारी में 3.75% की वृद्धि और 10% की कुल मुस्लिम आबादी में वृद्धि देखी गई. अफगानिस्तान में 0.29% मुस्लिम आबादी बढ़ी है.
दुनिया भर के देशों का क्या हाल?
रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया, चीन, कनाडा, न्यूजीलैंड जैसे देशों और कुछ पूर्वी अफ्रीकी देशों की जनसंख्या में बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में भारत की तुलन में अधिक गिरावट देखने को मिली है. 167 देशों में बहुसंख्यक समुदाय की हिस्सेदारी 65 सालों में औसतन 22% कम हो गई है. इसके अलावा 35 उच्च आय वाले आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के देशों में बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में 29% की औसत गिरावट देखने को मिली, जो वैश्विक औसत 22% से अधिक है.
किसने तैयार की रिपोर्ट
पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की रिपोर्ट में देश की धार्मिक आबादी की जानकारी प्रदान की गई है. रिपोर्ट को ईएसी-पीएम की सदस्य शमिका रवि, ईएसी-पीएम के कंसल्टेंट अपूर्व कुमार मिश्रा और ईएसी-पीएम के प्रोफेशनल अब्राहम जोस ने तैयार किया है.
शमिका रवि ने कहा कि भारत उन कुछ देशों में से एक है जहां अल्पसंख्यकों की कानूनी परिभाषा है. उनके लिए संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकार दिए गए हैं. इन प्रगतिशील नीतियों और समावेशी संस्थानों के परिणाम भारत के भीतर अल्पसंख्यक आबादी की बढ़ती संख्या के रूप में देखा जाता है.