Faridabad News: जिला संरक्षण एंव बाल विवाह निषेध अधिकारी हेमा कौशिक की अध्यक्षता में महिला एंव बाल विकास विभाग व आगंनवाडी वर्करों की संयुक्त बैठक का आयोजन गुरुवार को एनआईटी ब्लाक 1 व एनआईटी ब्लाक 2 में किया गया.
बैठक में हेमा कौशिक ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह एक दण्डनीय अपराध है तथा बाल विवाह में प्रतिभाग करने वाले व्यक्तियो पर भी कानूनी कार्यवाही का प्रावधान किया गया है. किसी भी बालिका, जिसने अपनी आयु 18 वर्ष पूर्ण न की हो एवं किसी भी बालक, जिसने अपनी आयु 21 वर्ष पूर्ण न की हो, उसका विवाह कराया जाना प्रतिबन्धित है. हेमा कौशिक द्वारा मीटिंग में प्रतिभागी सभी को बाल विवाह रोकथाम हेतु आस-पास के आमजन को जागरूक करने बारे निर्देश दिए. फरीदाबाद जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण जागरूकता अभियान का आयोजन किया. इस अभियान के तहत, समाज को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक किया जा रहा है और इसके नुकसानों पर ध्यान दिलाया जा रहा है.
बाल विवाह के कई अंधाधुंध सामाजिक, मानसिक और आर्थिक प्रभाव होते हैं, और यह विकास के मार्ग को रोकता है. इस अभियान के माध्यम से, हम सभी लोगों को बाल विवाह के खिलाफ एक साथ आवाज उठाने और समाज में संजीवनी बोते जाने का संदेश देना चाहते हैं. इस अभियान में विभिन्न क्षेत्रों के स्कूलों, कॉलेजों, गाँवों और शहरों में जागरूकता शिविर, सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित की गई. साथ ही, सामाजिक संगठनों को भी समाहित किया गया ताकि उन्हें भी इस अभियान में सहयोग करने का मौका मिले. महिला एवं बाल विकास विभाग का उद्देश्य यह है कि हम समाज में बाल विवाह के खिलाफ संजीवनी और संचेतना का वातावरण बनाए रखें, ताकि हम सभी मिलकर इस बुराई का मुकाबला कर सकें.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार