Haryana Politics: हरियाणा में कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता एवं पूर्व मंत्री किरण चौधरी व उनकी बेटी श्रुति चौधरी के भाजपा (BJP) में शामिल होने के बाद प्रदेश में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विरुद्ध झंडा उठाने वाला एसआरके ग्रुप अब पूरी तरह से बिखर गया है. किरण चौधरी के भाजपा में शामिल होने की अटकलें पिछले एक साल से लग रही थीं लेकिन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान उनकी बेटी को टिकट नहीं मिलने के बाद यह संभावनाएं और मजबूत हो गईं. किरण चौधरी के कांग्रेस से बाहर होने की अटकलों पर उस समय मोहर लगी जब चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी की मौजूदगी में किरण चौधरी तथा पार्टी के अधिकारिक प्रत्याशी राव दान सिंह के बीच हुई बहस के वीडियो वायरल हुए.
किरण चौधरी ने हरियाणा में करीब तीन दशक तक कांग्रेस की राजनीतिक की है. किरण का यह नकारात्मक पहलू ही रहेगा कि उन्हें उनके हलके तथा उनके क्षेत्र के बाहर के लोगों ने स्वीकार नहीं किया. किरण चौधरी ने हरियाणा में यात्रा करके खुद को प्रदेश स्तर पर स्थापित करने का प्रयास भी किया लेकिन विफल हो गईं.
अब कांग्रेस में हुड्डा के खिलाफ आवाज उठाने वाले कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला तथा किरण चौधरी गुट में शामिल होकर वह अपनी आवाज उठा रही थी. किरण के भाजपा में जाने के बाद इस गुट को धक्का लगा है. कुमारी सैलजा लोकसभा चुनाव जीतने के बाद सिरसा हलके की राजनीति में सिमट गई हैं. रणदीप सुरजेवाला पहले ही संगठन के स्तर पर राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय रहते हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान सुरजेवाला ने खुद की जमीन मजबूत करने का प्रयास किया लेकिन कैथल में उन्हें कामयाबी नहीं मिली. वर्तमान राजनीतिक हालातों में हुड्डा का रास्ता अब साफ हो गया है. लोकसभा चुनाव के दौरान नौ प्रत्याशियों में से आठ के चयन में हुड्डा की चली थी, अब यह साफ हो गया है कि तीन माह बाद हरियाणा में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के दौरान भी हुड्डा की ही चलेगी. कांग्रेस में अब उसी को टिकट मिलेगी जिस पर हुड्डा की सहमति होगी.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार