Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री के पब्लिक एडवाइजर तरुण भंडारी को सोमवार (17 जून) को शिमला हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. दरअसल तरुण बंडारी पर आरोप हैं कि उन्होंने हरियाणा सरकार के आदेश पर हिमाचल प्रदेश की राजनीति में कई सारी परेशानियां पैदा की थी.
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान सुक्खू सरकार के खिलाफ जिन कांग्रेस और निर्दलीय नेता एकजुट हुए थे. उनमें तरुण भंडारी ने खास भूमिका निभाई थी. भाजपा सरकार के इशारों पर चलकर ही तरुण भंडारी हिमाचल की सरकार गिराने में लगे हुए थे.
तरुण भंडारी के खिलाफ हुई थी दर्ज
तरुण भंडारी के ऊपर हिमाचल प्रदेश में हुई क्रॉस वोटिंग का आरोप लगाया गया था. साथ ही कांग्रेस के बागी विधायक चंडीगढ़ के जिस होटल में रुके थे, वहां पर तरुण भंडारी को कई बार देख गया था. कयास लगाए जा रहे थे कि वह उस होटल में बागी विधायकों से मिलते थे. तरुण के ऊपर लगे आरोप के लिए हिमाचल प्रदेश की पुलिस ने उन्हें कई बार बुलाया लेकिन वह एक बार भी जांच के लिए नहीं आए.
शिमला हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलते ही मंगलवार (18 जून) को तरुण भंडारी को शिमला में स्थित बालूगंज पुलिस थाने में जांच में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है. तरुण भंडारी के अलावा कांग्रेस पू्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता और निर्दलीय विधायक आशीष श्मा के खिलाफ भी आरोप लगे थे. लेकिन दोनों नेताओं को पहले ही अंतरिम जमानत मिल चुकी है.