पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों ( हिंदू, सिखों और ईसाइयों) की स्थिती बेहाल होती जा रही है. आए दिन पाकिस्तान में हिंदूओं के साथ हो रहे अत्याचारों की सीमा बढ़ती जा रही है. अब न केवल हिंदू और मंदिर बल्कि सिखों के साथ भी बदसलूकी जारी है. जिन्नावादियों के निशाने में हिंदूओं के मंदिर और सिखों के गुरुद्वारे भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. हाल हीं में पंजाब के सूबे जिले का मामला सामने आया है, जहां पर हिंदूओं के प्राचीन मंदिर और उसके साथ में सटे गुरुद्वारे को जबरन कब्जा करके मस्जिद में बदल दिया है. हांलांकि मंदिर की दीवारों पर बने हिंदू धर्म के चिन्ह इस बात की साफ गवाही दे रहे हैं.
भारत और पाकिस्तान के बंटवारे से पहले पाकिस्तान पंजाब में हिंदूओं की आबादी काफी ज्यादा थी. लेकिन देश विभाजन के बाद कई सारे हिंदू-सिख लोग जिन्न के झांसे में आकर वहीं पर रह गए थे. जिसके बाद जिन्नवासियों ने उन लोगों पर बहुत जुल्म किए , कि धीरे-धीरे उनकी आबादी कम होने लगी. आबादी कम होने के लिए चलते उनके धार्मिक स्थलों को भी उनसे छीन लिया गया था. अल्पसंख्यकों के द्वारा की जाने वाली गुहाई को सुनने वाला बी वहां पर कोई मौजूद नहीं है.
हिंदूओं के धार्मिक स्थलों पर जिन्नवादियों ने कब्जा कर करने के बाद वहां पर हिंदूओं का पैर रखना बहुत मुश्किल हो गया है. मंदिर के साथ सटा सिखों का गुरुद्वारा भी मस्जिद का हिस्सा बन चुका है.