केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) की अगुवाई वाली सरकार ने विगत 10 वर्षों में केंद्रीय बजट को खर्चों के रिकॉर्ड से बदलकर समान विकास के लिए एक रणनीतिक खाके में बदल दिया है. उन्होंने कहा कि हम अपने करदाताओं से एकत्र किए गए प्रत्येक रुपये का विवेकपूर्ण और कुशल उपयोग करते हैं, उन्हें सार्वजनिक वित्त की पारदर्शी तस्वीर देते हैं.
सीतारमण ने ‘एक्स’ पोस्ट पर जारी एक बयान में अपनी उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की ‘ऑफ-बजट’ उधारी और ‘ऑयल बॉन्ड’ जारी करने और घाटे को छिपाने की दोहराई जाने वाली प्रथा के बिल्कुल विपरीत है, जिसने कुछ हद तक राजकोषीय बोझ को भविष्य की पीढ़ियों पर स्थानांतरित कर दिया. संप्रग के तहत बजट आंकड़ों को अनुकूल दिखाने के लिए मानक राजकोषीय प्रथाओं को नियमित रूप से बदला गया.
सीतारमण ने कहा कि हमारी सरकार ने केंद्रीय बजट को केवल खर्चों के रिकॉर्ड से बदलकर समान विकास के रणनीतिक खाके में बदल दिया है. हम अपने करदाताओं से एकत्र किए गए प्रत्येक रुपये का विवेकपूर्ण और सही इस्तेमाल करते हैं…सार्वजनिक वित्त की पारदर्शी तस्वीर पेश करते हैं. उन्होंने कहा कि कहा कि केंद्र सरकार राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के जरिए 108 केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) का संचालन करती है, जिसका बजट वित्त वर्ष 2024-25 के लिए करीब 5.01 लाख करोड़ रुपये है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए यह 4.76 लाख करोड़ रुपये थे.
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने, पारदर्शिता बढ़ाने और विकसित भारत की मजबूत नींव रखने के लिए चल रहे सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसके साथ ही हम करदाताओं की मेहनत की कमाई के मूल्य और प्रभाव को अधिकतम करना जारी रखेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि इसका सभी के लाभ के लिए सर्वोत्तम संभव उपयोग किया जाए.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार