Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के तीन चरण पूरे हो चुके हैं. 25 मई को हरियाणा में चुनाव आयोजित किए गए हैं, हरियाणा की कुल 10 लोकसभा सीटों में से एक है सोनीपत लोकसभा सीट. यह सीट जाटलैंड का बहुमूल्य माना जाता है. सोनीपत जिले का नाम महाभारत में भी कई बार सुना गया है. साल 1977 तक यह सीट रोहतक जिले में ही शामिल थी, लेकिन 1977 में सोनीपत को एक अलग जिला घोषित किया गया. जिसके बाद साल 1977 में यहां पर पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में जनता दल के उम्मीदवार मुख्यितार सिंह मलिक ने जीत हासिल की थी. साल 2014 में हुए आम चुनाव में भाजपा ने एक बार यहां से जीत दर्ज कर यह सीट अपने नाम कर ली है. फिलहाल इस सीट से भाजपा के उम्मीदवार रमेश चंद्र कोशिक सांसद हैं.
जानें सोनीपत सीट का दिलचस्प इतिहास
सोनीपत लोकसभा सीट हरियाणा की सभी लोकसभा सीटों में से खास है. सोनीपत लोकसभा सीट के अंतगर्त कुल 9 विधानसभा शामिल हैं. सोनीपत सीट में कुल 12 बार हुए लोकसभा चुनाव में से 9 बार जाट उम्मीदवार ने सीट अपने नाम की है. इस सीट पर सबसे पहले चुनाव में 1977 में हुए थे, जिसमें जनता पार्टी के उम्मीदवार मुख्यितार सिंह मलिक ज्यादा वोट प्राप्त कर यहां से सांसद चुने गए. इसके बाद इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपना राज किया है. साल 1980 में जनता पार्टी सेक्युलर के उम्मीदवार देवीलाल यहां के सांसद बने थे.
साल 1984 में एक बार फिर हुए आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी धर्मपाल सिंह मलिक को जीत हासिल हुई थी. साल 1989 में जनता दल के उम्मीदवार कपिल देव शर्मा और साल 1991 में कांग्रेस के उम्मीदवार धर्मपाल सिंह मलिक को एक बार फिर सांसद चुना गया था.
लेकिन 1996 में हुए लोकसभा चुनाव में जनता ने किसी भी पार्टी के उम्मीदवार को सासंद के रुप में पसंद न करके निर्दलीय उम्मीदवार अरविंद शर्मा को जीत दिलाई थी.
इसी तरह इस सीट पर हर साल होने वाले आम चुनाव में राजनीति को बदलते हुए देखा गया है. जहां एक तरफ 1999 से लेकर 2004 तक इस सीट पर भारतीय जनता पपार्टी के उम्मीदवार किशन सिंह सागवांन ने अपना कब्जा किया किया हुआ था, तो 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के नेता जितेन्द्र सिंह मलिक को जीत हासिल हुई थी.
फिर 2014 से लेकर अभी तक इस सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल कर इस सीट को अपने नाम किया हुआ है. इस सीट पर बीजेपी के नेता रमेश चंद कोशिक ने कांग्रेस नेता जगबीर सिंह मलिक और साल 2019 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा को हरा यह सीट अपने नाम की थी.
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में रमेश चंद्र कौशिक ने 5,87,664 यानि 52.03 प्रतिशत वोटों के साथ जीत हासिल की थी. दूसरे सेथान पर कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को 4,22,800 यानि 37.43 प्रतिशत वोट मिले थे. तीसरे स्थान पर जजपा पार्टी के दिग्विजय सिंह चौटाला ने 51,162 वोट हासिल किए थे.
साल 2014 में हुए आम चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी रमेश चंद्र कौशिक ने 3,47,203 यानि 35.19 वोटों के साथ जीत कर यहां के सांसद बने थे. कांग्रेस के उम्मीदवार जगबीर सिंह मलिक को 2,69,789 यानि 27.35 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए थे, वहीं तीसरे स्थान पर इनेलो के पदम सिंह दहिया को 2,64,404 यानि 26.80 प्रतिशत वोट और चौथे स्थान पर आम आदमी पार्टी के नेता जय सिंह ठेकेदार ने 48,597 यानि 4.93 वोट हासिल किए थे.
जानें सोनीपत सीट का जातीय समीकरण
सोनीपत लोकसभा सीट में कल वोटर्स 15 लाख के करीब है, जिसमें से महिलाओं की संख्या करीब 7 लाख और पुरुषों की संख्या 8 लाख के आस पास है. वैसे तो सोनीत सीट को जाट का बहुमूल्य माना जाता है इस सीट पर करीब 6 लाख से ज्यादा वोटर्स जाट जाति से आते हैं. इसके अलावा 2 लाख के करीब वोटर्स ब्राह्मण जाति के हैं. अब देखना केवल यह है कि 25 मई को होने वाले चुनाव में यहां की नता किस उम्मीदवार को अपने क्षेत्र का सांसद बनाती है.
इस बार इन उम्मीदवारों के बीच होगी कांटे की टक्कर
साल 2024 में होने वाले आम चुनाव मेंराजनीति में थोड़ा बदला हुआ है. बीजेपी और कांग्रेस पार्टी ने काफी रणनीति करने के बाद जाट बहुमूल्य वाली सीट पर ब्राह्मण उम्मीदवारों को टिकट दी है. बीजेपी ने मोहन लाल बड़ौली, कांग्रसे ने सतपाल ब्रह्राचारी , इनेलो ने अनूप दहिया और जजपा पार्टी ने भूपिंदर मलिक को चुनाव मैदान में उतारा है.