Lok Sabha Election: आखिर राहुल गांधी को अमेठी छोड़कर रायबरेली आना पड़ा. इसका अर्थ है, विरासत की लड़ाई में राहुल गांधी की जीत. अमेठी से राहुल गांधी को अपने हार का भी भय सता रहा था. यदि रायबरेली से प्रियंका जीत जाती और अमेठी से राहुल हार जाते तो कांग्रेस के अंदर ही प्रियंका को आगे करने की मांग उठने लगती, जो सोनिया गांधी को पसंद नहीं था.
इस बात को पहले भी कई बार साफ होता आया है कि विरासत में सोनिया गांधी की पसंद राहुल ही हैं. राहुल गांधी के आगे कभी प्रियंका सोनिया गांधी नहीं करना चाहती है. अमेठी से स्मृति आगे लड़ाई ज्यादा कांटे की थी. इस कारण राहुल गांधी को कांग्रेस की नजर में सेफ सीट ही चाहिए, जिस कारण से उन्हें रायबरेली से लड़ाया गया.
https://twitter.com/INCIndia/status/1786218950503899139
इस मुद्दे पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला का कहना है कि राहुल गांधी रायबरेली से भी नहीं जीतेंगे. उनकी हार सुनिश्चित है. अमेठी से डरकर भागने वाले राहुल गांधी को पूरे उत्तर प्रदेश की जनता माफ नहीं कर सकती. जनता जानती है कि कांग्रेस के शीर्षस्थ चुनाव मेढक की तरह सिर्फ चुनाव में ही दिखते हैं. उनको आम जनता से कुछ भी लेना-देना नहीं है.
वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता अंशु अवस्थी का कहना है कि अमेठी और रायबरेली से गांधी परिवार का एक आत्मीय रिश्ता है. पहले फिरोज गांधी, फिर इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी और अब राहुल गांधी चुनाव मैदान में हैं. हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी जीत रायबरेली से राहुल गांधी की होगी. उप्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं का बेसब्री से इसका इंतजार था. हमारी सीटें बढ़ेंगी.
उधर, राहुल गांधी के उत्तर प्रदेश के अमेठी के बजाए रायबरेली से चुनाव मैदान में आने पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तंज कसा है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा कि अमेठी से राहुल गांधी का चुनाव नहीं लड़ना कांग्रेस की नैतिक पराजय और भाजपा की विजय है.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार