Haryana News: हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने रानियां से विधायक एवं कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह चौटाला (Ranjeet SinghChautala) का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. रणजीत चौटाला मंगलवार को विधानसभा पहुंचे और स्पीकर के समक्ष उन्होंने अपने इस्तीफे को सत्यापित किया. जिसे उन्होंने तुरंत प्रभाव से स्वीकार कर लिया गया.
हरियाणा विधानसभा में अब रानियां विधानसभा सीट भी रिक्त हो गई है. इस्तीफा कबूल होने के बावजूद रणजीत सिंह चौटाला नायब सैनी सरकार (Saini Cabinet Meeting) में कैबिनेट मंत्री बने रहेंगे. दरअसल, 24 मार्च को भाजपा में शामिल होने से पहले ही उन्होंने रानियां हलके की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. रणजीत सिंह ने अपने मैसेंजर के जरिये विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को इस्तीफा भेजा था. इस पर कानूनी सलाह लेने के बाद स्पीकर ने रणजीत सिंह को व्यक्तिगत तौर पर विधानसभा में बुलाया था. उन्हें 23 अप्रैल को आना था लेकिन निजी कारणों के चलते वे नहीं आ सके. इसके बाद उन्हें 30 अप्रैल को बुलाया गया. मंगलवार को विधानसभा पहुंचे रणजीत सिंह ने स्पीकर के सामने इस्तीफे पर किए अपने हस्ताक्षर को सत्यापित किया.
स्पीकर के पूछने पर उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने किसी भी तरह के दबाव या प्रलोभन में इस्तीफा नहीं दिया है. इसके बाद स्पीकर ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया. अब इसकी सूचना विधानसभा सचिवालय द्वारा चुनाव आयोग को भेजी जाएगी. एकाध दिन में ही रानियां सीट रिक्त होने का नोटिफिकेशन भी जारी हो जाएगी. प्रदेश में करनाल के बाद अब रानियां दूसरी सीट है, जो खाली हुई है. इससे पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल के इस्तीफे की वजह से 13 मार्च से ही करनाल सीट खाली हुई थी. चुनाव आयोग ने लोकसभा के साथ ही करनाल सीट पर उपचुनाव करवा रहा है. अब रानियां हलके में उपचुनाव नहीं होगा। सितंबर-अक्टूबर में हरियाणा विधानसभा के आमचुनाव होने हैं.
विधानसभा पहुंचकर सत्यापित किया अपना इस्तीफा
खास बात है कि रणजीत सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया है. वे नायब सिंह सैनी सरकार में बिजली व जेल मंत्री बने रहेंगे. पत्रकारों से बातचीत में रणजीत चौटाला ने कहा कि सभी तकनीकी बातों को ध्यान में रखते हुए विधायक पद से इस्तीफा दिया है. मंत्री पद से मैंने इस्तीफा नहीं दिया है. लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद तय होगा कि आगे क्या निर्णय करना है. हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि रणजीत सिंह ने व्यक्तिगत रूप से यहां आकर अपना इस्तीफा सत्यापित किया है. उन पर किसी तरह का दबाव नहीं था. किसी प्रलोभन में उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया. वे छह महीने तक बिना विधायक रहे मंत्री बने रह सकते हैं.
हरियाणा विधानसभा में अब विधायकों की संख्या हुई 88
दरअसल, 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में अब 88 विधायक रह गए हैं. इनमें भाजपा के 40, कांग्रेस के 30, जजपा के 10, छह निर्दलीय, सिरसा से हलोपा के गोपाल कांडा और ऐलनाबाद से इनेलो के एक विधायक अभय सिंह चौटाला शामिल हैं.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार