Haryana Politics: हरियाणा विधानसभा (Haryana Assembly) से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ रहे रणजीत सिंह चौटाला (Ranjit Chautala) के इस्तीफे पर पेंच फंस गया है. विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कानूनी राय के आधार पर रणजीत सिंह को 23 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर अपने इस्तीफे पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए बुला लिया है.
रणजीत सिंह चौटाला वर्ष 2019 में रानियां विधानसभा हलके से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़कर विधानसभा में पहुंचे थे. सरकार गठन के समय रणजीत सिंह ने भाजपा को समर्थन दे दिया. रणजीत सिंह पहले मनोहर लाल और अब नायब सैनी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे.
इस बीच रणजीत चौटाला 24 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए. भाजपा ने उन्हें हिसार से पार्टी प्रत्याशी घोषित कर दिया. इसके बाद 26 मार्च को प्रचार शुरू करने से पहले रणजीत सिंह ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. रणजीत चौटाला ने यह इस्तीफा मेल के माध्यम से विधानसभा स्पीकर को भेजा था. विधानसभा स्पीकर ने इस इस्तीफे पर कानूनी राय ली. कानूनी विशेषज्ञों से राय आने के बाद रणजीत सिंह चौटाला को अब विधानसभा में स्पीकर के समक्ष पेश होना होगा.
हस्ताक्षरों की जांच को स्पीकर ने विधानसभा में बुलाया
विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 24 मार्च को रणजीत सिंह का इस्तीफा आया था. इस्तीफे के समय किसी भी विधायक का निजी तौर पर पेश होना जरूरी है. ऐसे में रणजीत सिंह को 23 अप्रैल को विधानसभा कार्यालय में बुलाया गया है. यहां उनके इस्तीफे पर किए गए हस्ताक्षरों की वेरिफिकेशन करवाई जाएगी. यह सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद रणजीत सिंह की स्वीकृति से उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाएगा.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार