Karnal By-Election: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab & Haryana High Court) ने चुनाव आयोग (ईसीआई) की 16 मार्च को करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव (Karnal By-Election) की अधिसूचना को रद्द कर दिया गया था, जिसे पर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए बुधवार को उस याचिका को खारिज कर दिया है. अब शेड्यूल के अनुसार ही करनाल विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा.
नए मुख्यमंत्री को विधानसभा का सदस्य बनाने व करनाल को प्रतिनिधित्व देने के लिए चुनाव जरूरी: कोर्ट
हाई कोर्ट ने माना कि यदि विधानसभा की अवधि एक वर्ष से कम बची हो तो भी चुनाव आयोग को उपचुनाव करवाने का अधिकार है. कोर्ट ने कहा कि बिना प्रतिनिधित्व लंबे अरसे तक किसी विधानसभा क्षेत्र को नहीं छोड़ा जा सकता. हाई कोर्ट का मानना है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (CM Saini) के नेतृत्व में नए मंत्रिमंडल ने 12 मार्च को शपथ ली थी और चूंकि सैनी विधानसभा के सदस्य नहीं हैं, इसलिए संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के अनुसार उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना अनिवार्य है.
हाई कोर्ट ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि उपचुनाव कराने के लिए करनाल निर्वाचन क्षेत्र ही एकमात्र रिक्त स्थान है. इस तथ्य पर विचार करते हुए कि नए मुख्यमंत्री का शेष कार्यकाल एक वर्ष से भी कम है. रिक्त स्थान उपलब्ध है, करनाल निर्वाचन क्षेत्र के संबंध में विवादित अधिसूचना में कोई दोष नहीं पाया जा सकता है, क्योंकि भारतीय चुनाव आयोग का उक्त कार्य केवल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के अधिदेश को सुविधाजनक बनाता है.
हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि करनाल की रिक्त सीट के संबंध में चुनाव नहीं कराए जाते हैं, तो इसका परिणाम यह होगा कि रिक्त स्थान उपलब्ध होने के बावजूद राज्य विधानसभा के कार्यकाल के निर्धारण तक उक्त निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व नहीं हो पाएगा. हाई कोर्ट के जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस हर्ष बंगर की खंडपीठ ने करनाल निवासी कुणाल चानना द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश पारित किए हैं.
उल्लेखनीय है कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद करनाल विधानसभा सीट 13 मार्च को खाली हो गई थी. इस सीट पर उपचुनाव होना है. याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि हरियाणा विधानसभा का गठन 4 नवंबर 2019 को हुआ था और कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को समाप्त हो रहा है. यानी विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने में अब एक वर्ष से भी कम समय बचा है. इस प्रकार जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151 ए के प्रावधान (ए) के मद्देनजर करनाल निर्वाचन क्षेत्र में कोई उपचुनाव नहीं हो सकता है, फिर भी चुनाव की घोषणा कर दी गई है.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार