चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा में बुधवार को मनोहर लाल की सरकार के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद आज(गुरुवार) को इस अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में चर्चा होगी. इसे लेकर भाजपा-जजपा ने व्हीप जारी कर सभी विधायकों को सदन में हाजिर होने का निर्देश दिया हैं.
विधायकों की संख्या बल कम होने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार के विरुद्ध दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाने का दम दिखाया है. संख्या बल के हिसाब से विधानसभा में बेहद मजबूत मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने राजनीतिक विरोधियों के इस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर जरा भी चिंतित नहीं हैं. मुख्यमंत्री मनोहर लाल एक बार पहले भी हुड्डा के अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर उसे गिरा चुके हैं. इस बार भी मनोहर लाल को यही उम्मीद है.
सदन में अविश्वास मत पर चर्चा के दौरान जबरदस्त हंगामा होने के आसार हैं. विपक्ष के नेता के नाते भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने 26 कांग्रेस विधायकों के हस्ताक्षर के साथ विधानसभा स्पीकर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव रखा है. बुधवार को सदन में इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया. जिस पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत सदन में मौजूद कांग्रेस के 18 विधायकों ने अपनी सीटों पर खड़े होकर अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया है. नियम है कि किसी भी अविश्वास प्रस्ताव को तब स्वीकार किया जाता है, जब सदन में अविश्वास प्रस्ताव देने वाली पार्टी के कम से कम 15 विधायक खड़े होकर उसका समर्थन करें.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार पर बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, अपराध, फसलों के मुआवजे के भुगतान में देरी, फसलों के उचित दाम नहीं मिलने तथा आम लोगों में बढ़ रही असुरक्षा की भावना सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. हुड्डा समर्थकों का मानना है कि भले ही उनके विधायकों की संख्या कम है और भाजपा व जजपा विधायकों की संख्या अधिक है लेकिन सदन में कब क्या चमत्कार हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि संख्या बल के हिसाब से प्रस्ताव भले ही गिर जाए, लेकिन सदन में विभिन्न मुद्दों पर भाजपा सरकार को कांग्रेस के द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर अपना जवाब देना पड़ेगा.
दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री मनोहर लाल सदन में अपनी पार्टी की जीत के प्रति काफी आशान्वित हैं. उनका कहना है कि एक बार पहले भी अविश्वास प्रस्ताव लाया जा चुका है. अविश्वास तो कांग्रेस के नेताओं में पैदा हो रखा है, जो कि कोई एक दूसरे पर भरोसा नहीं करता.
हरियाणा विधानसभा में कुल विधायक 90 है जिसमें से भारतीय जनता पार्टी 41, जननायक जनता पार्टी 10, निर्दलीय 07, हलोपा 01, कांग्रेस 30 और इनेलो 01 बता दें बहुमत के लिए 46 विधायकों का मत प्राप्त करना जरुरी है.
साभार: हिन्दुस्थान समाचार