30 अप्रैल 2003 से पहले से चल रहे स्कूलों को मिली राहत
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के विवाद को खत्म करते हुए एक साल की एक्सटेंशन प्रदान कर दी है. नियमों को पूरा नहीं कर रहे अस्थाई मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के 60 हजार बच्चे अब दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा दे सकेंगे. 30 अप्रैल 2003 से पहले से संचालित सभी अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूल अब हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में संबद्धता के लिए शुल्क जमा करा सकते हैं. इसके साथ ही बोर्ड परीक्षाओं के फार्म भी भरे जाएंगे.
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सोमवार को अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों से संबद्धता शुल्क लेने के लिए शिक्षा बोर्ड के सचिव को निर्देश जारी कर दिए हैं. अस्थाई मान्यता की एक्सटेंशन के लिए स्कूलों को विभाग द्वारा दी गई अस्थायी मान्यता का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा. निजी स्कूल एसोसिएशनों से सरकार पहले ही लिखित में ले चुकी है कि बांड राशि नहीं भरने वाले स्कूलों में एक अप्रैल से दाखिले नहीं किए जाएंगे. साथ ही बांड राशि भरने वाले स्कूलों को भी दो वर्ष के अंदर नियम पूरे करने होंगे.
इससे पहले 10 जनवरी को हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ और फेडरेशन आफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन सहित निजी स्कूलों के विभिन्न संगठनों ने स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर से मुलाकात कर इन स्कूलों को एक्सटेंशन नहीं मिलने पर दसवीं-बारहवीं के 60 हजार बच्चों का साल खराब होने का अंदेशा जताया था, जिनके बोर्ड परीक्षाओं के फार्म अभी तक नहीं भरे जा सके हैं. शिक्षा मंत्री ने पूरे मामले से मुख्यमंत्री मनोहर लाल को अवगत कराया जिसके बाद बच्चों के भविष्य को देखते हुए निजी स्कूलों को मौजूदा शैक्षणिक सत्र के लिए राहत दी गई है.
साभार:हिन्दुस्थान समाचार