National Technology Day 2025: राजस्थान के पोखरण की फील्ड फायरिंग रेंज के खेतोलोई गांव के पास 11 मई, 1998 को हुए परमाणु परीक्षण के आज 27 साल पूरे हो गए. भारत ने तीन परमाणु हथियारों का परीक्षण ( Pokhran Nuclear Test) कर सारी दुनिया की नींद उड़ा दी थी. इसके बाद 13 मई को दो और परीक्षण किए. इसके बाद भारत परमाणु हथियारों वाले देश की सूची में शामिल हो गया. पोखरण परमाणु परीक्षण की वर्षगांठ के तौर पर हर साल राष्ट्रीय प्रोद्यौगिकी दिवस (नेशनल टेक्नोलॉजी डे) (National Technology Day 2025) मनाया जाता है. इस दौरान तकनीकी उपलब्धियों के लिए वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और अन्य लोगों को सम्मानित किया जाता है.
पोखरण परमाणु परीक्षण को तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने ऑपरेशन शक्ति नाम दिया था. इसकी प्रतिक्रिया यह हुई कि कई देशों ने आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए. इस परीक्षण का श्रेय भारत के तत्कालीन मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार एपीजे अब्दुल कलाम, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और सेना के अधिकारियों को दिया जाता है. इतिहास में सनद यह भी है कि 1974 में भारत ने अपना पहला परमाणु परीक्षण भी पोखरण में किया था। उसका कोड नाम-स्माइलिंग बुद्धा था। इस समय देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं.
वाजपेयी सरकार ने पूरे कार्यक्रम को इतना गुप्त रखा कि लीक होने का चांस न के बराबर रह गया. यहां तक तत्कालीन रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडिस को भी अंधेरे में रखा गया. जब तारीख तय हो गई तब लालकृष्ण आडवाणी, जॉर्ज फर्नांडिस, प्रमोद महाजन, जसवंत सिंह और यशवंत सिन्हा को ही इसकी जानकारी दी गई. बस यही गिनती के लोग, बाकी कैबिनेट बिल्कुल अनजान. यशवंत सिन्हा अपनी आत्मकथा रेलेंटलेस में लिखते हैं, “वाजपेयी मुझसे अपने कार्यालय में नहीं मिले. मुझे उनके शयनकक्ष में ले जाया गया। मुझे तुरंत अंदाजा हो गया कि वो मुझे बहुत महत्वपूर्ण और गोपनीय बात बताने जा रहे हैं. जैसे ही मैं बैठा उन्होंने मुझे भारत के परमाणु परीक्षण की तैयारियों के बारे में बताया.”
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि दुनिया की ताकतें इसके लिए भारत के खिलाफ कुछ आर्थिक प्रतिबंध लगाएं इसलिए हमें हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. इसीलिए मैंने सोचा कि आपको पहले से इस बारे में खबरदार कर दूं, ताकि जब ऐसा हो तो आप इसके लिए पहले से तैयार रहें.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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