1857 का स्वतंत्रता संग्राम 10 मई, 1857 को मेरठ छावनी में शुरू हुआ, जहाँ ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सिपाहियों ने विद्रोह कर दिया था. यह विद्रोह चर्बी लगे कारतूसों का विरोध था जब हिंदुओं की धार्मिक अस्मिता पर हमला किया गया था.
वहीं, आज भारतीय सेना ने इस्लामी आतंक के खिलाफ मोर्चा खोला है. लगभग 167 साल पहले फिरंगियों ने हिन्दू धर्म पर हमला किया और मुंह की खानी पड़ी. अब पहलगाम में हिंदुओं के कलमा न पढ़ने पर मजहबी आतंकियों ने 22 अप्रैल 2022 को हिंदू पर्यटकों की गोली मारकर हत्या कर दी. जिसके बाद युद्ध जैसे हालातों की फिर से वापसी हुई है.
1857 में चर्बी लगे कारतूस को मुंह से खींचने पर सैनिकों ने विद्रोह किया था. इस की शुरूआत मार्च 1857 में मंगल पांडे के चर्बी वाले कारतूस के खिलाफ विद्रोह के साथ हुई, जो 1857 का पहला स्वतंत्रता संग्राम बन गया.
आज भारतीय सेना इस्लामी आतंक के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर पाकिस्तान को सबक सिखा रही है. 7 मई 2025 को, भारतीय सेना ने देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़े खतरे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की. जिससे बौखलाए पाकिस्तान की हरकतों से हालात तनावपूर्ण हो गए हैं और टकराव की स्थिति पैदा हो गई है.
1857 में भारत गुलामी की जंजीरों में कसे होने के बाद अमर बलिदानियों के शौर्य से विजयी हुआ. आज स्वतंत्र भारत आजादी के 7 दशक बाद सैन्य, सुरक्षा और तकनीकी दोनों से लैस है और अत्याधुनिक सैन्य हथियारों से पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है.
भारतीय सेना ने अभी युद्ध की शुरुआत में S-400, L-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन और सोवियत मूल की ZSU-23-4 शिल्का यूनिट्स सहित ड्रोन रोधी और कम ऊंचाई वाले एयर डिफेंस सिस्टम से आतंक के गढ़ पाकिस्तान के इरादों को पस्त कर दिया है.
पाकिस्तान सीमा पर भारतीय सेना ने बहादुरी के साथ आतंकी खतरों को हमेशा बेअसर किया है. 2016 की उरी #surgicalStrike और 2019 बालाकोट #AirStrike जैसी कार्रवाई सेना की दृढ़ता को दर्शाती है. आज भी #IndianArmedForces 1857 के योद्धाओं की विरासत को जारी रखते हुए युद्ध के मैदान में है.
मंगल पांडे की बंदूक ने अंग्रेजी सत्ता को चुनौती दी थी; आज, हमारी सेना आतंक के गढ़ पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे रही है. आइए आज उन सभी योद्धाओं का सम्मान करें जिन्होंने 1857 से लेकर आज तक भारत के लिए बलिदान दिया और किसी भी चुनौती के खिलाफ एकजुट रहें.
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