Mock Drill: देश के कई शहरों में आज मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. राजधानी दिल्ली से लेकर लखनऊ, हरियाणा औऱ पटना तक मॉक ड्रिल हुई. इस दौरान बिजली आपूर्ति बंद रही और पूरी तरह से ब्लैकआउट रहा. युद्ध जैसी आपात स्थिति में नागरिकों को सुरक्षा उपाय और ट्रैनिंग देना इसका मकसद है.
हरियाणा के सभी 22 जिलों में मॉक ड्रिल का आयोजन
हरियाणा के 22 जिलों में बुधवार को मेगा सिविल डिफेंस ड्रिल का आयोजन किया गया. जिला स्तर पर उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों ने इस आयोजन की निगरानी की. इससे पहले हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी अधिकारियों को इस संबंध निर्देश जारी किए. प्रदेश भर में एक साथ शाम 4 बजे हवाई हमले, इमारत ठहने, आग लगने, गैस लीक होने तथा भगदड़ मचने जैसी संकेतिक घटनाओं के आधार पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इसके बाद शाम 7.50 से 08 बजे तक ब्लैक आउट करके युद्ध के संकेत के रूप में ड्रिल की गई. हरियाणा गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने पंचकूला में स्थापित कंट्रोल रूम से ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के तहत प्रदेश में आयोजित मॉक ड्रिल की मॉनिटरिंग की. इस दौरान उन्होंने डायल 112 पर आने वाली फोन कॉल्स के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली तथा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए.
डॉ. मिश्रा ने कहा कि यह मॉक ड्रिल आपातकालीन स्थिति के लिए खुद को तैयार करने के लिए है. किसी भी नागरिक को घबराने या चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर दी जा रही सूचनाओं का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए खुद को तैयार रखें. उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति पूरी तरह शांतिपूर्ण है.
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश में मॉक ड्रिल की गई है और कंट्रोल रूम से पूरे प्रदेश की लाइव फीड पर नजर रखी जा रही है. कई जगहों पर मॉल्स में मॉक ड्रिल की गई है, तो कई जगहों पर जिला सचिवालयों में यह अभ्यास किया गया है. यह सभी जिलों में चल रहा एक व्यापक अभ्यास है. उन्होंने आपदा की तैयारियों को बढ़ाने और आपात स्थिति के दौरान सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में इस तरह की मॉक ड्रिल के महत्व पर जोर दिया.
दिल्ली के कई अस्पतालों में हुई मॉक ड्रिल
राजधानी दिल्ली में बुधवार को सफदरजंग, आरएमएल, एलएनजेपी समेत कई अस्पतालों में सिविल डिफेंस के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इस दौरान आपातकालीन विभाग में प्रमुख कर्मियों की वास्तविक समय पर उपस्थिति सुनिश्चित की गई. इसके साथ मॉक ड्रिल के सभी निर्देशों का अनुपालन किया गया. अस्पतालों में शाम 4 बजे से शुरू इस मॉक ड्रिल में युद्ध के दौरान आपात स्थिति में घायल लोगों के तेजी से उपचार प्रबंधन का अभ्यास किया गया.
आरएमएल अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा के विभागाध्यक्ष डॉ. अमलेन्दु यादव ने बताया कि बम विस्फोट परिदृश्य का अनुकरण करने वाला एक सामूहिक दुर्घटना मॉक ड्रिल आयोजित किया गया. इसमें करीब 15-20 गंभीर रूप से घायल पीड़ितों को शामिल किया गया. इसमें सामान्य चिकित्सा, सामान्य सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स, न्यूरोसर्जरी, बर्न्स और प्लास्टिक सर्जरी, क्रिटिकल केयर मेडिसिन, रेडियोडायग्नोसिस, सीटी, एमआरआई, सहित आपातकालीन इमेजिंग को शामिल किया गया. ड्रिल को न केवल तैयारी का आकलन करने के लिए बल्कि सिस्टम की खामियों की पहचान करने के लिए भी डिज़ाइन किया गया था. सुधारात्मक और निवारक कार्रवाई को शामिल करते हुए एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
सफदरजंग अस्पताल में भी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. अस्पताल प्रशासन ने बताया कि वे किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार और सुसज्जित हैं. आपदा प्रबंधन समिति व्यापक प्रोटोकॉल और संसाधनों के साथ आपातकालीन स्थितियों सेनिपटने के लिए तैयार है.
फोर्टिस हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. प्रवीण गुप्ता ने कहा कि यह मॉक ड्रिल सिर्फ एक तैयारी का हिस्सा है. लोगों को इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है. मॉक ड्रिल न केवल देश की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का काम करती हैं, बल्कि आपात स्थिति में जनता की सेहत और सुरक्षा बनाए रखने में स्वास्थ्य सेवाओं की अहम भूमिका को भी उजागर करती हैं.
लखनऊ समेत प्रदेश के 19 जिलों में मॉकड्रिल के बाद किया ब्लैक आउट
पाकिस्तान में आतंकी ठिकाने पर एयर स्ट्राइक के बाद भारत सरकार के निर्देश पर बुधवार को देशभर में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. उत्तर प्रदेश में लखनऊ समेत 19 जिलों में मॉक ड्रिल की गई. राजधानी में मॉक ड्रिल के साथ पुलिस और जांच एजेंसियां हाई अलर्ट पर रहीं. वहीं प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस ने सक्रियता बढ़ाते हुए संदिग्धों और वांछनीय तत्वों पर निगरानी बढ़ा दी है. इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों जैसे कि हवाई हमलों या आतंकी हमलों के लिए तैयार करना है.
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