Water Crisis: गर्मियों का प्रकोप शुरू होते ही जल संकट से निपटने के लिए हरियाणा सरकार (Haryana Government) भी सतर्क हो गई है. सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. पानी का दोहन करने वालों अथवा गलत इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और गांवों तथा शहरी क्षेत्रों में चल रहे अवैध कनेक्शनों को बिना किसी देरी के काट दें. सरकार के निर्देश पर गुरुवार से फील्ड की टीमों ने जिलों व तहसीलों में जाकर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है.
सरकार की ओर से गुरुवार को जारी निर्देशों में अधिकारियों से कहा गया कि शहरों की ओवरऑल वाटर सप्लाई सिस्टम का अवलोकन और वाटर सोर्सेज की समीक्षा करें. संबंधित ब्रांच के जरिए प्रति व्यक्ति को कितने पानी की जरूरत है, इसे लेकर चार्ट बनाएं. इसके साथ ही प्रति व्यक्ति के हिसाब से पानी की आवश्यकता को देखते हुए 150 लीटर का मानक तय कर अधिकारियों को प्लानिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. शहरों की मौजूदा क्षमता का भी आकलन किया जाएगा.
सरकार के निर्देशों में कहा गया कि नहरी पानी बंद होने पर ऊंचे पानी वाले ट्यूबवेल और टैंकरों जैसे वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भर रहकर काम करना होगा. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह नहरों का संचालन एवं प्रबंधन करें. साथ ही नहर प्रवाह की निगरानी की जाएगी. नहर बंद होने या फ्लो में कमी के कारण आपूर्ति में कमी होने की स्थिति में लोगों को पहले ही अलर्ट भेज दिया जाएगा.
नहरों के बंद रहने की अवधि बढ़ऩे पर समान जल वितरण सुनिश्चित करने के लिए राशनिंग लागू की जाएगी. रोजाना वाटर क्वालिटी की चेकिंग की जाएगी. किसी भी खराबी से बचने के लिए बूस्टर स्टेशनों और ऊंचे पानी वाले ट्यूबवेलों का नियमित रखरखाव किया जाएगा. किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटने के लिए बैकअप इंस्ट्रूमेंट और स्टैंडबाय कर्मचारी उपलब्ध रहेंगे.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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