Sunday, June 15, 2025
No Result
View All Result
Haryana News

Latest News

हरियाणा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा ये स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

‘द्वि-राष्ट्रीय थ्योरी देश के लिए खतरा’, RSS प्रमुख ने अपने उद्धोधन में कही बड़ी बात

धर्मांतरण को रोकने के लिए संघ-प्रशासन को एक साथ काम करने की आवश्यकता: RSS ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-2’ कार्यक्रम में बोले अरविंद नेताम

कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय, समापन समारोह

फेंक जहां तक भाला जाए: पहले आर्मी फिर जवेलिन का जादू, जानें गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा की सफलता की कहानी

  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Business
    • Legal
    • History
    • Viral Videos
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
    • लाइफस्टाइल
Haryana News
  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
    • Special Updates
    • Rashifal
    • Entertainment
    • Business
    • Legal
    • History
    • Viral Videos
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
    • लाइफस्टाइल
No Result
View All Result
Haryana News
No Result
View All Result

Latest News

हरियाणा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा ये स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

‘द्वि-राष्ट्रीय थ्योरी देश के लिए खतरा’, RSS प्रमुख ने अपने उद्धोधन में कही बड़ी बात

धर्मांतरण को रोकने के लिए संघ-प्रशासन को एक साथ काम करने की आवश्यकता: RSS ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-2’ कार्यक्रम में बोले अरविंद नेताम

कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय, समापन समारोह

फेंक जहां तक भाला जाए: पहले आर्मी फिर जवेलिन का जादू, जानें गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा की सफलता की कहानी

  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
  • लाइफस्टाइल
Home Latest News

जानिए किस तरह पानीपत में प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइक्लिंग कर बनता है धागा?

हरियाणा का पानीपत पहले से ही वेस्ट कपड़ों (रैग) से धागे बनाने के लिए पूरे विश्व में अपनी एक पहचान बना चुका है. साथ ही, अब प्लास्टिक को रिसाइकिल कर धागा बनाना भी इसमें शामिल हो गया है.

Akansha Tiwari by Akansha Tiwari
Apr 29, 2025, 03:19 pm GMT+0530
प्लास्टिक बोतलों से बनाया गया धागा (फोटो साभार- अमर उजाला)

प्लास्टिक बोतलों से बनाया गया धागा (फोटो साभार- अमर उजाला)

FacebookTwitterWhatsAppTelegram

PET Yarn: सामान्य तौर पर हम प्लास्टिक की बोतल में पानी या कोल्ड ड्रिंक पीकर उसे फेंक देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हो कि इन प्लास्टिक को रियूज (Reuse of Plastic Bottles) भी किया जा सकता है. अगर आपको बताया जाए कि इन प्लास्टिक को रियूज कर धागा तैयार किया जाता है तो आप हैरान हो जाएंगे. लोगों द्वारा यूजलेस समझी जाने वाली मामूली से प्लास्टिक की बोतल को रिसाइकिल कर पानीपत भारत समेत पूरे विश्व में धूम मचा रही है.

Plastic Bottles
Plastic Bottles

शायद आप इस बात को नहीं जानते होंगे लेकिन बेकार समझी जाने वाली प्लास्टिक की बोतलों का एक फेबरिक उद्योग में बहुत अहम रोल है. हरियाणा का पानीपत पहले से ही वेस्ट कपड़ों (रैग) से धागे बनाने के लिए पूरे विश्व में अपनी एक पहचान बना चुका है. साथ ही, अब प्लास्टिक को रिसाइकिल कर धागा बनाना भी इसमें शामिल हो गया है.

क्या है पेट यार्न प्रक्रिया

प्लास्टिक की बोतलों की छटाई
प्लास्टिक की बोतलों की छटाई

प्लास्टिक के बोतलों से धागा बनाने की पूरी प्रक्रिया को पेट यार्न (Polyethylene Terephthalate (PET)
Yarn) कहा जाता है. पेट यार्न शब्द में ‘पेट’ का मतलब प्लास्टिक की बोतल और ‘यार्न’ का मतलब धागा है.

  • सबसे पहले प्लास्टिक बोतलों को रिसाइकिल कर पहले सफेद रंग के प्लास्टिक दाने और चिप तैयार की जाती है.
  • फिर इन दानों को अलग-अलग यूनिट में भेज कर प्लास्टिक शीट तैयार की जाती है.
  • इन प्लास्टिक शीट को रैग मशीन में डालकर प्लास्टिक फाइबर तैयार किया जाता है.
  • इसके बाद इन फाइबर को धागा बनाने वाले मिल में भेजा जाता है. इस तरह प्लास्टिक से धागा बनने की प्रक्रिया शुरू होती है.

प्लास्टिक फाइबर से धागा बनाने की प्रक्रिया

प्लास्टिक से धागा बनाने की प्रक्रिया
प्लास्टिक से धागा बनाने की प्रक्रिया
  • प्लास्टिक फाइबर की क्वालिटी को बढ़ाने के लिए उसमें 20-50 प्रतिशत कॉटन धागे को मिक्स किया जाता है.
  • मिक्सचर मशीने से निकलने के बाद यह कन्वेयर बेल्ट के जरिए फिल्टर मशीन में पहुंचता है.
  • फिल्टर मशीन ने निकला हुआ वेस्ट फाइबर पाइप लाइन से होता हुआ धागा बनाने वाली मशीन में जाता है.
  • इस मशीन से ऑटोमेटिक स्पिनिंग मिल्स मशीन से एक फाइबर की पट्टी को तैयार किया जाता है.
  • फिर इस फाइबर को दूसरे मशीन के माध्यम से कन्वेयर बेल्ट पर तक पहुंचाया जाता है. यह फाइबर की पट्टी स्पिनिंग मशीन रोल पर पहुंचती है.
  • इसके बाद एक बारीक सा पेट यार्न रेडी होकर बाइंडिग मशीन पर पहुंचता है.
  • ऑटोमेटिक मशीन की मदद से मीटर के अनुसार इस धागे को रोल किया जाता है.
  • आखिरी चरण में इस धागे के रोल को पैकिंग के लिए भेजा जाता है.

उद्योगपति राकेश मुंजाल ने बताया कि प्लास्टिक बोतलों से बने फाइबर की क्वालिटी को बढ़ाने के लिए उसमें 20-50 प्रतिशत कॉटन धागे को मिक्स किया जाता है. इन धागों से बैडशीट, जुराब, डोरमेट, पर्दे आदि बनाए जाते हैं.

विदेशों में खूब है प्लास्टिक फाइबर से बने धागे की मांग

प्लास्टिक की बोतलों से तैयार किया गया धागा और उनसे बने उत्पादों की यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे बड़े देशों में इनकी मांग ज्यादा होती है. पिछले करीब 10 सालों में रिसाइक्लिंग के जरिए तैयार किए गए उत्पादों का बाजार
लगभग 2 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है.

पानीपत में प्लास्टिक को रिसाइकिल कर फाइबर से पेट यार्न बनाने की लगभग 7-8 फैेक्ट्रियां हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन इकाइयों में रोजाना 20 हजार किलो पेट यार्न का उत्पादन किया जाता है.

पेट यार्न से बने प्रोडक्ट्स की खासियत

PET Yarn
PET Yarn

पेट यार्न से बने प्रोडक्ट्स ( उत्पाद) आसानी से और पानी पड़ने पर भी खराब नहीं होते हैं. घर और बाहर दोनों जगह इन उत्पादों का यूज करने पर कोई फर्क नहीं पड़ता है.

20 प्रतिशत सस्ता होता है पेट यार्न

प्लास्टिक की बोतलों और वेस्ट कपड़ों (रैग) के फाइबर से मिलकर तैयार हुआ पेट यार्न बाकी धागों के मुकाबले 20 प्रतिशत सस्ता होता है. इन धागों से रेशे भी आसानी से नहीं आते हैं. वह काफी मजबूत होते हैं और आसानी से इनकी रंगाई भी की जाती है.

बाजार में इस धागे (पेर्ट यार्न) की कीमत लगभग 160 से 200 रुपये प्रति किलो होती है. बता दें, धागे की कीमत उसकी क्वालिटी और मजबूती पर निर्भर करती है.

ग्लोबल रिसाइकिल स्टैंडर्ड का सर्टिफाइड होना आवश्यक

GRS
GRS

प्लास्टिक की बोतलों से तैयार किए गए धागे से बने उत्पादों को विदेशों में भेजने के लिए ग्लोबल रिसाइकिल स्टैंडर्ड से सर्टिफाइड (Global Recycled Standard Certification) होना अनिवार्य है. इस सर्टिफाइड के बिना इन उत्पादों को विदेश में एक्सपोर्ट नहीं किया जा सकता है.

उत्पादों में GRS का टैग लगते ही इन उत्पादों की विश्वसनीयता लोगों के बीच और ज्यादा बढ़ जाती है. किसी भी उत्पाद को GRS सर्टिफिकेट तभी मिलता है, जब वह 40 प्रतिशत से अधिक रिसाइकिल मैटेरियल से तैयार किया गया हो. GRS टैग यह दर्शाता है कि इस प्रोडक्ट को बनाने में कच्चे माल से लेकर आखिरी तक कितने रिसाइकिल मैटेरियल का यूज किया गया है.

PM मोदी ने भी पहनी थी प्लास्टिक से तैयार हुए धागे की जैकेट

PM मोदी ने भी पहनी थी प्लास्टिक से तैयार हुए धागे से बनी जैकेट
PM Narendra Modi (Pic Credit: NDTV)

बजट सत्र 2023 में पीएम नरेंद्र मोदी संसद में नीली जैकेट पहन कर आए थे. वह नीली जैकेट भी प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकिल कर बने धागे ने बनाई गई थी. यह नीली जैकेट पानीपत में ही तैयार की गई थी. प्रधानमंत्री मोदी की यह जैकेट खूब चर्चा में आई थी. पीएम को यह जैकेट इंडियन ऑयल कॉपोरेशन के द्वारा गिफ्ट की गई थी. इस जैकेट को पहन मोदी ने संसद में पर्यावरण को स्वच्छ रखने का खास संदेश जनता तक पहुंचाया था.

 

Hon’ble Shri @narendramodi, presented with a dress made out of recycled PET bottles under #IndianOil‘s #Unbottled initiative by @ChairmanIOCL.

We will convert 100 million PET Bottles annually to make uniforms for our on-ground teams & non-combat uniforms for our armed forces. pic.twitter.com/aRoK3fXY7Y

— Indian Oil Corp Ltd (@IndianOilcl) February 6, 2023

बता दें, इंडियन ऑयल कॉपोरेशन ने इंडिया एनर्जी वीक के दौरान पीएम को यह नीली जैकेट भेंट की थी.

पेट यार्न उत्पादक भूपेंद्र जैन ने अमर उजाला को बताया कि वह पिछले 12 सालों से प्लास्टिक की बोतलों से पेट यार्न बना रहा हूं. प्लास्टिक फाइबर से बनाए गए धागे से बाथरूम मेट, दरी आदि चीजें बनाई जाती है. अब पेट यार्न में ऊन को मिलाकर भी नया धागा तैयार किया जा रहा है. लोगों के बीच में पेट यार्न से बने उत्पादों की मांग खूब ज्यादा है.

पर्यावरण सरंक्षण के लिए बड़ी पहल

प्लास्टिक की बोतलों को रिसाइकिल कर धागे बनाने से पर्यावरण सरंक्षण होगा. लोग इन प्लास्टिक को बोतलों को फेंकने के बजाए इसे बेचकर पैसे भी कमा सकते हैं. स्वयं पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में पेट यार्न से बनी नीली जैकेट पहनकर लोगों तक पर्यावरण को बचाने का खास मैसेज दिया था.

ये भी पढ़ें: हरियाणा का पानीपत पूरे विश्व में रिसाइकलिंग इंडस्ट्री के लिए मशहूर, लाखों लोगों को मिलता है रोजगार

Tags: Global Recycled Standard CertificationPanipatPet YarnPlastic BottlesPM Narendra ModiRecycle of Plastic BottlesTop News
ShareTweetSendShare

RelatedNews

हरियाणा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा ये स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
Latest News

हरियाणा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा ये स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

द्वि-राष्ट्रीय थ्योरी देश के लिए खतरा, RSS प्रमुख ने अपने उद्धोधन में कहीं बड़ी बात
Latest News

‘द्वि-राष्ट्रीय थ्योरी देश के लिए खतरा’, RSS प्रमुख ने अपने उद्धोधन में कही बड़ी बात

'धर्मांतरण को रोकने के लिए संघ -प्रशासन को एक साथ काम करने की आवश्यकता': RSS ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-2’ कार्यक्रम में बोले अरविंद नेताम
Latest News

धर्मांतरण को रोकने के लिए संघ-प्रशासन को एक साथ काम करने की आवश्यकता: RSS ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-2’ कार्यक्रम में बोले अरविंद नेताम

RSS Chief Dr. Mohan Bhagwat
Latest News

कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय, समापन समारोह

फेंक जहां तक भाला जाए: पहले आर्मी फिर जवेलिन का जादू, जानें गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा की सफलता की कहानी
Latest News

फेंक जहां तक भाला जाए: पहले आर्मी फिर जवेलिन का जादू, जानें गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा की सफलता की कहानी

Latest News

हरियाणा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा ये स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

हरियाणा के विकास में मील का पत्थर साबित होगा ये स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

द्वि-राष्ट्रीय थ्योरी देश के लिए खतरा, RSS प्रमुख ने अपने उद्धोधन में कहीं बड़ी बात

‘द्वि-राष्ट्रीय थ्योरी देश के लिए खतरा’, RSS प्रमुख ने अपने उद्धोधन में कही बड़ी बात

'धर्मांतरण को रोकने के लिए संघ -प्रशासन को एक साथ काम करने की आवश्यकता': RSS ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-2’ कार्यक्रम में बोले अरविंद नेताम

धर्मांतरण को रोकने के लिए संघ-प्रशासन को एक साथ काम करने की आवश्यकता: RSS ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग-2’ कार्यक्रम में बोले अरविंद नेताम

RSS Chief Dr. Mohan Bhagwat

कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय, समापन समारोह

फेंक जहां तक भाला जाए: पहले आर्मी फिर जवेलिन का जादू, जानें गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा की सफलता की कहानी

फेंक जहां तक भाला जाए: पहले आर्मी फिर जवेलिन का जादू, जानें गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा की सफलता की कहानी

जानिए क्या है HAIDP? AI से किस तरह बदलेगा हरियाणा का भविष्य

जानिए क्या है HAIDP? AI से किस तरह बदलेगा हरियाणा का भविष्य

हरियाणा में फैला 'डंकी रूट' का नेटवर्क, लाखों देकर भी रहता है जान का खतरा

हरियाणा में फैला ‘डंकी रूट’ का नेटवर्क, लाखों देकर भी रहता है जान का खतरा

ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स पर सरकार ने कसा शिकंजा, हरियाणा सहित इन राज्यों पर लगा प्रतिबंध

ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स पर सरकार ने कसा शिकंजा, हरियाणा सहित इन राज्यों पर लगा प्रतिबंध

यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा कैसी बनी पाकिस्तानी जासूस? जानें अब तक की पूरी कहानी

Haryana: यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा कैसी बनी पाकिस्तानी जासूस? जानें अब तक की पूरी कहानी

हरियाणा में बांग्लादेशी घुसपैठियों पर शिकंजा, जानिए कहां-कहां हुई कार्रवाई?

हरियाणा में बांग्लादेशी घुसपैठियों पर शिकंजा, जानिए कहां-कहां हुई कार्रवाई?

  • Home
  • About Us
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms & Conditions
  • Disclaimer
  • Sitemap

Copyright © Haryana-News, 2024 - All Rights Reserved.

No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • प्रदेश
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • वीडियो
  • राजनीति
  • व्यवसाय
  • मनोरंजन
  • खेल
  • Opinion
    • लाइफस्टाइल
  • About & Policies
    • About Us
    • Contact Us
    • Privacy Policy
    • Terms & Conditions
    • Disclaimer
    • Sitemap

Copyright © Haryana-News, 2024 - All Rights Reserved.