Livestock Insurance Scheme: भारत में अधिकतर पशुपालकों को पशुओं से जुड़ी कई तरह की दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है. पशुओं में फैलने वाली बीमारियों के कारण पशुपालन क्षेत्र में जोखिम बढ़ रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार ने देशभर में एक स्कीम चलाई है- राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission). इसके अंतर्गत हरियाणा सरकार के सहयोग से पशुधन बीमा योजना का प्रदेश में संचालन किया जा रहा है.
हरियाणा में यह योजना पंडित दीन दयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा (Pandit Deen Dayal Upadhyaya Group Livestock Insurance) के नाम से जानी जाती है. इस स्कीम का उद्देश्य आर्थिक रुप से पशुपालकों की मदद करना है. इस योजना के जरिए पशुपालक (पशु पालने वाला) अपने पशुओं का बीमा करा सकते हैं और पशु मृत्यु होने पर उन्हें बीमा राशि (पशुधन) दिया जाता है.
योजना का मुख्य उद्देश्य
पशुधन बीमा योजना का उद्देश्य राज्य में उपस्थित सभी पशुपालकों को पशुधन का बीमा उपलब्ध कराके आर्थिक सहायता प्रदान करना है. आजकल पशुओं में फैल रही खतरनाक बीमारियों को देखते हुए पशुपालकों के लिए पशुओं का बीमा कराना जरुरी है.
इस योजना के तहत पशुओं को दो वर्गों में बांटा गया है. जिसमें बड़े पशु और छोटे पशु दोनों शामिल है.
- बड़े पशुओं में गाय, भैंस, सांड (प्रजनन हेतु), घोड़ा और खच्चर शामिल हैं.
- छोटे पशुओं में बकरी, सुअर, खरगोश और भेड़ शामिल हैं.
इस स्कीम के तहत हर परिवार 5 पशुधन यूनिट तक का बीमा करवा सकते हैं. बता दें, इस योजना में 1 पशुधन का अभिप्राय एक बड़े पशु और 10 छोटे पशुओं से है. साथ ही, गोशालाएं भी अपने 5 पशुओं का बीमा एक साथ करवा सकती हैं.
पशुधन बीमा कराने के लिए जरुरी डॉक्यूमेंट्स
- परिवार का पहचान पत्र
- राशन कार्ड की कॉपी, वोटर आईडी कार्ड
- PAN कार्ड
- बीपीएल कार्ड या अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र
- बैंक अकाउंट की पासबुक
- कैंसिल चैक
- पशुधन का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र (पशु-चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी)
- पशुधन का टैग (12 अंक और बार कोड)
- पशु की चारों साइड से फोटा अनिवार्य , लाभार्थी (पशुपालक) की फोटो
पशुधन से तात्पर्य: जिन पशुओं का पालन भोजन, फाइबर और अन्य उपयोगी कामों के लिए किया जाता है.
पशुधन बीमा क्लेम प्राप्त करने हेतु जरुरी दस्तावेज
- बीमा पॉलिसी की फोटोकॉपी
- मृत पशु की सूचना
- पशु चिकित्सक द्वारा लिखी गई रिपोर्ट (इलाज के दौरान)
- बैंक अकाउंट की कॉपी या कैंसिल चैक
पशुधन बीमा करवाने की प्रक्रिया
- इच्छुक पशुपालक को पशुधन बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले SARAL पोर्टल या इस https://saralharyana.gov.in/ लिंक पर क्लिक करना होगा.
- लिंक ओपन होते ही आपके सामने पशुधन बीमा योजना का फॉर्म ओपन होगा.
- पंजीकरण फॉर्म को भरें. फॉर्म में मांगे गए सभी जरुरी डॉक्यूमेंट्स को अपलोड करें.
- आखिरी में सबमिट का ऑप्शल क्लिक कर दें. आपकी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
ऐसे होगा लाभार्थी का सलेक्शन
हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड एवं न्यू इंडिया ऐंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के अनुसार इस योजना के अंतर्गत एक वर्ष के लिए सुनिश्चित बीमा राशि के लिए 1.49 प्रतिशत की दर से प्रीमियम लिया जाएगा.
सामान्य पशु
- बड़े/ दुधारु पशु 100 रुपये प्रति पशु
- भेड़, बकरी व सुअर 25 रुपये प्रति पशु
अभिजात वर्ग के लिए
- गरीबी रेखा से ऊपर 500 रुपये
- गरीबी रेखा से नीचे 250 रुपये
- अनुसूचित जाति के लिए फ्री
3 साल के लिए
- गरीबी रेखा से ऊपर 50 प्रतिशत
- गरीबी रेखा से नीचे 30 प्रतिशत
- अनुसूचित जाति निशुल्क
पशुधन बीमा
इस योजना के तहत इस तरह पशुपालकों को मिलेगी बीमा राशि
- अचानक पशु की मृत्यु हो जाने के 21 दिनों के बाद बीमा कराने की प्रक्रिया शुरू होगी.
- इस योजना में पशुधन के चोरी होने की कवरेज शामिल नहीं है.
- योजना के अनुसार, गाय और भैंस का अधिकतम सुनिश्चित मूल्य 83,000 और 88,000 रुपये है.
- छोटे पशुओं ( बकरी, सुअर, भेड़) की अधिकतम सुनिश्चित राशि 10,000 रुपये है.
सराकरी आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत अब तक करीब 57.92 करोड़ रुपये की बीमा राशि बीमा कपंनी के द्वारा पशुपालकों को दी जा चुकी है. वहीं लगभग 9.25 करोड़ रुपये की बीमा दावा राशि की भुगतान प्रक्रिया चल रही है.
साल 2018-2023 तक करीब 3.90 लाख से ज्यादा पशुपालकों ने लगभग 8.51 पशुधन का बीमा कराके एक नया आयाम स्थापित किया है.
नोट : यह सभी जानकारी पशुधन हरियाणा सरकारी वेबसाइट से ली गई है.
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