Haryana: हरियाणा की पूर्व मनोहर सरकार के समय में डी-नोटीफाई की गई दादूपुर नलवी नहर के मुद्दे को लेकर सोमवार को कांग्रेस ने विधानसभा में खूब हंगामा किया. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार के जवाब से असंतुष्टी दिखाते हुए वॉकआउट भी किया. मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सदन में कहा कि हरियाणा सरकार बहुत जल्द हाई कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने जा रही है.
प्रश्नकाल के दौरान अंबाला सिटी से कांग्रेस विधायक निर्मल सिंह ने यह मुद्दा उठाया. सिंचाई मंत्री की ओर से संसदीय कार्य मामले मंत्री महिपाल सिंह ढांडा ने इसका जवाब दिया. विवाद बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री सैनी को भी दखल देना पड़ा.
विवाद उस समय अधिक बढ़ गया जब पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कांग्रेस के अन्य विधायकों ने इस संदर्भ में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा सरकार के खिलाफ दिए गए फैसले का उल्लेख किया. संसदीय कार्य मंत्री ने विपक्ष से दो-टूक कहा कि ऐसा कोई फैसला हाई कोर्ट का नहीं आया है. अगर विपक्ष के पास फैसला है तो उसकी कापी दी जाए. विरोध में कांग्रेस ने हंगामे के बीच सदन से वॉकआउट भी किया. बाद में रोहतक विधायक बीबी बतरा केस नंबर और फैसले का आर्डर मोबाइल में दिखाने लगे.
इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हाई कोर्ट ने एक धारा को रद्द किया है. हाई कोर्ट के फैसले को सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. विपक्ष सरकार से यह जवाब मांगता रहा कि दादूपुर-नलवी नहर को बनाया जाएगा या नहीं. समाज कल्याण मंत्री कृष्ण बेदी ने नहर के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस जगह यह नहर बनाई गई, वहां के किसानों से पूछ लो, कोई भी ऐसा नहीं चाहता.
हुड्डा ने जब नहर निर्माण को लेकर सवाल दागा तो महिपाल ढांडा ने कहा कि पूर्व में भी इस मुद्दे पर कई बार चर्चा हो चुकी है. सरकार अपना जवाब भी दे चुकी है. सरकार ने इस बात से साफतौर पर इंकार किया कि हाई कोर्ट ने नहर निर्माण को लेकर फैसला दिया है. बेशक, एक धारा को लेकर जरूर हाई कोर्ट ने निर्णय सुनाया है लेकिन इसे भी सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का निर्णय ले चुकी है. विवाद अधिक बढ़ा तो बीच में स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने सरकार को पूरे मामले का अध्ययन करवा कर जवाब देने को कहा.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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