Haryana Assembly Budget Session 2025: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की और शिक्षा क्षेत्र में किए जाने वाले सुधारों पर विचार-विमर्श किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025-26 के राज्य बजट में शिक्षा क्षेत्र पर विशेष फोकस किया जाएगा, जिससे प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके. इसके लिए सभी कुलपतियों से सुझाव भी आमंत्रित किए गए. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने संकल्प पत्र में संकल्प लिया है कि हम भारत के किसी भी सरकारी कॉलेज से मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति के हरियाणा के विद्यार्थियों को पूर्ण छात्रवृत्ति प्रदान करेंगे, इसके लिए भी जल्द से जल्द रूपरेखा तैयार की जाए. उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी प्रावधानों को पूर्ण रूप से लागू किया जाए, ताकि सरकार हरियाणा को वैश्विक शिक्षा का केंद्र बना सके, जहां एआई और आधुनिक स्किल्स का प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके.
मुख्यमंत्री सैनी ने महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति से चर्चा करते हुए कहा कि आने वाला समय बागवानी फसलों का है और परंपरागत खेती की बजाय फसल विविधीकरण को अपनाने के लिए किसानों को जागरूक करने की आवश्यकता है. गन्नौर में बन रही इंडिया इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर मार्केट के पहले चरण का जल्द उद्घाटन किया जाएगा, जिससे बागवानी किसानों को बहुत बड़ा लाभ मिलेगा. फल एवं सब्जियों का निर्यात होने से उनकी आय में वृद्धि होगी. इसलिए बागवानी विश्वविद्यालय हरियाणा के अलग-अलग क्षेत्र के अनुसार वहां पैदा होने वाली फल एवं सब्जियों के शोध की दिशा में कार्य करे.
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के युवाओं को खेलों में पारंगत बनाने के लिए हर जिले में स्पोर्ट्स स्कूल खोलने की दिशा में योजना बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में भी खेलों के लिए उपयुक्त सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं. उन्होंने कहा कि ओलंपिक-2036 के लिए हरियाणा के युवाओं को अभी से प्रशिक्षित किया जाए, ताकि वे प्रदेश व देश का नाम विश्व पटल पर रोशन कर सकें.
बैठक में शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा ने कहा कि हरियाणा के युवाओं में टैलेंट की कमी नहीं है. बच्चे हर क्षेत्र में प्रदेश व देश का नाम रोशन कर रहे हैं, लेकिन कई बार बच्चों को उचित अवसर न मिलने के कारण वे पीछे रह जाते हैं इसलिए स्कूलों व कॉलेजों में लगाई जाने वाली एग्जीबिशन के दौरान विज्ञान, पर्यावरण व अन्य क्षेत्र से संबंधित बेहतरीन मॉडल बनाने वाले बच्चों को उचित मार्गदर्शन व बजट मुहैया करवाना चाहिए, ताकि वे उस क्षेत्र में शोध कर सकें. इसके लिए विभाग के अधिकारी और विश्वविद्यालय मिलकर रूपरेखा तैयार करें.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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