27 फरवरी की तारीख इतिहास के पन्नों में गोधरा कांड के नाम से जानी जाती है. इसी दिन 23 साल पहले यानि 2002 में गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर दर्दनाक घटना घटी थी. यहां पर भीड़ ने साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की एक बोगी (S-6) में आग लगा दी. इस दुखद घटना में 59 लोगों की मौत हो गई थी. बता दें यह ट्रेन अयोध्या से अहमदाबाद जा रही थी. इसमें हिंदू तीर्थयात्री सवार थे. जैसे से साबरमती एक्सप्रेस गोधरा रेलवे स्टेशन से चली. तभी किसी ने चेन खींचकर ट्रेन को रोक दिया. इसके बाद पहले ट्रेन पर पथराव किया गया और उसके बाद एक डिब्बे में आग लगा दी गई. इस केस में 1,500 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. ट्रेन जलाने के मामले में गिरफ़्तार किए गए लोगों पर POTA लगाया गया.
गुजरात में भड़के थे सांप्रदायिक दंगे
इस गोधरा कांड के बाद पूरे गुजरात राज्य में भीषण सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे. इन दंगों में एक हजार से ज्यादा लोगों की जाने चली गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मरने वालों में 254 हिंदू और 790 मुस्लिम समुदाय के लोग थे. वहीं अहमदाबाद की गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी में बेकाबू भीड़ ने 69 लोगों की हत्या कर दी थी. करीब 3 महीने तक गुजरात सांप्रदायिक हिंसा की आग में जलता रहा. दंगे इतने भयानक थे कि लॉ एंड ऑर्डर मैंनटेन करने के लिए सेना को बुलाना पड़ा था.
गोधरा कांड के सभी दोषियों को उम्रकैद
गोधरा कांड से जुड़े केस में करीब 9 साल बाद 31 लोगों को दोषी ठहराया गया और 63 अन्य को बरी कर दिया था. एसआईटी कोर्ट ने साल 2011 में 20 लोगों को उम्रकैद और 11 को फांसी की सजा सुनाई. वहीं अक्टूबर 2017 में गुजरात हाईकोर्ट ने 11 लोगों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया. सभी सलाखों के पीछे अपनी साज काट रहे हैं.
पीएम मोदी को मिली क्लीन चिट
2002 में गोधरा कांड और गुजरात दंगों के समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने मार्च 2002 में गोधरा कांड की जांच के लिए नानावटी-शाह आयोग बनाया. सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जीटी नानावटी और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज केजी शाह इसके सदस्य बने. इसलिए इसका नाम नानावटी-शाह आयोग रखा गया.
इस आयोग ने अपनी रिपोर्ट का पहला हिस्सा 2008 में सितंबर के महीने में पेश किया और गोधरा कांड को सोची समझी साजिश बताया. आयोग ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके मंत्रियों और सिनियर ऑफिस्रस को क्लीन चिट दे दी.
अब अगले साल यानि 2009 में न्यायधीश केजी शाह का निधन हो गया. उनकी जगह हाईकोर्ट के सेवानिवृतत् जज न्यायधीश अक्षय मेहता आयोग के सदस्य बने. अब इसका नाम नानावी-मेहता आयोग हो गया. इस आयोग ने दिसंबर 2019 में अपनी रिपोर्ट का दूसरा हिस्सा पेश किया. इसमें भी पहले वाली बात पर मुहर लगाई गई.
गोधरा कांड पर आधारित है फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’
इस फिल्म की कहानी गुजरात के गोधरा में साल 2002 में हुए अग्निकांड और उसके बाद के गुजरात दंगों पर आधारित है. इस फिल्म में विक्रांत मैसी के अलावा राशि खन्ना और रिद्धि डोगरा हैं. फिल्म को धीरज सरना ने डायरेक्ट किया है. शोभा कपूर, एकता कपूर, अमूल वी मोहन और अंशुल मोहन ने इसे प्रोड्यूस किया है. ‘द साबरमती रिपोर्ट’ 15 नवंबर 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है.