विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि हिन्दुओं की घटती जन्मदर चिंता का विषय है. समाज को इन चुनौतियों पर विचार करना चाहिए. हर हिन्दू परिवार में दो-तीन बच्चे होने ही चाहिए. इसको लेकर विश्व हिन्दू परिषद पूरे देश में जनजागरण करेगी.
विहिप के राष्ट्रीय महामंत्री परांडे शुक्रवार को भोपाल प्रवास के दौरान यहां विश्व संवाद केन्द्र में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद की अभी एक अखिल भारतीय बैठक प्रयागराज महाकुंभ में हुई थी. देश भर के 1100 कार्यकर्ता सभी प्रांतों से आए थे. उसके पहले विभिन्न पंथ, संप्रदाय के साधु, संत, धर्माचार्य इस कार्यक्रम में जुटे थे. संतों की बैठकों में ये चर्चा हुई है.
VHP के महामंत्री मिलिंद परांडे ने बताया कि पूरे देश में विहिप द्वारा हितचिंतक अभियान चलाया जा रहा है, जिसे सदस्यता अभियान भी कहा जाता है. पिछले अभियान में देशभर से 72 लाख लोग वीएचपी से जुड़कर हितचिंतक बने थे. इस बार हमारा लक्ष्य पूरे देश में एक करोड़ हितचिंतक बनाने का है. देश के बाहर लगभग 30 देशो में विहिप का काम फैल चुका है. हिन्दू समाज के सामने कुछ चुनौतियां हैं. इसपर विचार हुआ. जैसे जनसंख्या में असंतुलन निर्माण हो रहा है. समाज को इन चुनौतियों पर विचार करना चाहिए. इसको लेकर विहिप पूरे देश में प्रयास करेगी. उसके तीन-चार कारण हैं. पहला- ईसाई मिशनरी ताकतें हिन्दुओं के धर्मांतरण का काम कर रही है. दूसरा- रेडिकल इस्लाम के माध्यम से लव जिहाद की घटनाएं और हिंसा के प्रकार बढ़ रहे हैं. तीसरा- बांग्लादेश और म्यांमार से जो मुस्लिम घुसपैठ बढ़ रही है. ये भी बड़ा कारण है. चौथा- हिन्दुओं की जन्म दर घट रही है.
परांडे ने कहा कि आज जो देश विरोधी शक्तियां पूरे देश में युवा पीढ़ी में नशे की लत को बढ़ाने के लिए बहुत प्रयास कर रही है. शराब, ड्रग्स और अन्य नशे की लत के कारण युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है. बढ़ता हुआ ड्रग्स का नशा बहुत बड़ी भयानक चुनौती है. इसलिए बजरंग दल ने ये तय किया है कि पूरे देश भर में युवाओं के लिए रन फॉर हेल्थ जैसे कार्यक्रम किए जाएं. अब तक 500 से ज्यादा प्रखंडों में ऐसे कार्यक्रम किए हैं. देश भर के 9 हजार प्रखंडों में इस कार्यक्रम के जरिए ड्रग्स और नशे के खिलाफ जागरूक करने का काम किया जाएगा.
मिलिंद परांडे ने कहा कि संगठन ने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए एक अभियान शुरू किया है. लगभग एक माह पूर्व आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में इस विषय पर एक बड़ा आयोजन हुआ था, जिसमें करीब तीन लाख हिंदू एकत्रित हुए थे. यह निर्णय लिया गया है कि देशभर में विभिन्न राज्यों में इस मुद्दे पर जागरण सभाएं आयोजित की जाएंगी. इसके अलावा, कुछ राज्यों में मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर इस विषय पर चर्चा की जाएगी.
उन्होंने बताया कि विहिप के थिंक टैंक में अधिवक्ता परिषद, सुप्रीम कोर्ट के वकील और विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश शामिल हैं. इन सभी विशेषज्ञों ने मिलकर एक प्रस्ताव (प्रारूप) तैयार किया है, जिसे हम मुख्यमंत्रियों को सौंपेंगे. इस प्रस्ताव में यह सुझाव दिया गया है कि मंदिरों को किस प्रकार सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर हिंदू समाज को सौंपा जा सकता है.
परांडे ने कहा कि पूरे समाज के सभी वर्गों का एडमिनिस्ट्रेशन और व्यवस्था में सहभागिता हो। पूरे देश में मंदिरों के सरकारी नियंत्रण से मुक्ति जागरण अभियान वीएचपी ने शुरू किया है. ये साल भर में सबके सामने आएगा. उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज के ऊपर आने वाले संकट, चुनौतियां और जरूरतों पर चर्चा हुई है. संतों की बैठकों में यह विषय सामने आया है कि तिब्बत, रूस, कोरिया, थाइलैंड, श्रीलंका, वर्मा ऐसे कई देशों से बड़ी संख्या में बौद्ध, पूज्य लामा कार्यक्रम में आए थे. उनकी सहभागिता सनातन हिन्दू धर्म के साधु संतों के साथ इन कार्यक्रमों में हुई है. पूरे भारत के कई ऐसे जाति, जनजाति के लोग दूरी के कारण कुंभ में सहभागी नहीं हो पाते थे. उनका बहुत बड़ा सहभाग इस बार के कुंभ में हुआ है. जबरदस्त प्रतिसाद हिन्दू समाज और विविध पंथ संप्रदाय ने दिया है.
परांडे ने कहा कि ऐसी बातें सामने आई है कि, बंगाल में कई लोगों ने झूठे कागजात बनाकर म्यांमार, बांग्लादेशी घुसपैठियों को दिए हैं. पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद जिला या चिकन नेक का जो क्षेत्र है, उसे पार करके वे बिहार में घुस रहे हैं. पश्चिम बंगाल के जरिए झारखंड में मुर्शिदाबाद होकर साहिबगंज और पाकुर जिले में घुस रहे हैं. असम में जो दक्षिण असम का क्षेत्र कचार वैली, सिलचर क्षेत्र में घुस रहे हैं. वहां से घुसपैठिए उत्तरप्रदेश होकर नेपाल में भी घुस रहे हैं, उत्तराखंड तक घुस रहे हैं. तो ऐसा खतरा दिखाई दे रहा है कि इन राज्यों में मुस्लिम घुसपैठ हो रही है. अभी छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र दिल्ली जैसे राज्यों में घुसपैठियों को ढूंढ़कर वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू होगी. समाज को भी ऐसी घुसपैठ कहां हो रही है. इसकी जानकारी लेकर प्रशासन को देना चाहिए. ताकि ऐसे लोगों को भारत के बाहर भेजा जाए. क्योंकि जो हमारे संविधान, धर्म, संस्कृति और परंपराओं को नहीं मानते, जो इतने दुष्ट स्वभाव के हैं, जो भयानक अत्याचार बांग्लादेश में किए हैं. ऐसे लोगों की भारत में जगह नहीं है. ऐसे लोगों के पीछे लगने की जरूरत है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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