AI Action Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को पेरिस में एआई एक्शन शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) का भविष्य सभी के लिए अच्छा हो.
#WATCH प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस के ग्रैंड पैलेस में AI एक्शन समिट को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “AI पहले से ही हमारी अर्थव्यवस्था, सुरक्षा और यहां तक कि हमारे समाज को नया आकार दे रहा है। AI इस सदी में मानवता के लिए कोड लिख रहा है…”
(सोर्स: डीडी) pic.twitter.com/EebozPUCsS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 11, 2025
प्रधानमंत्री ने कहा कि एआई अभूतपूर्व पैमाने और गति से विकसित हो रहा है और इसे और भी तेजी से अपनाया और लागू किया जा रहा है। सीमाओं के पार भी गहरी निर्भरता है. इसलिए, शासन और मानकों को स्थापित करने के लिए सामूहिक वैश्विक प्रयासों की आवश्यकता है जो हमारे साझा मूल्यों को बनाए रखें, जोखिमों को संबोधित करें और विश्वास का निर्माण करें. उन्होंने कहा कि भारत ने बहुत कम लागत पर 1.4 बिलियन से अधिक लोगों के लिए सफलतापूर्वक डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का निर्माण किया है. यह एक खुले और सुलभ नेटवर्क के इर्द-गिर्द निर्मित है. इसमें हमारी अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाने, शासन में सुधार करने और हमारे लोगों के जीवन को बदलने के लिए नियम और अनुप्रयोगों की विस्तृत शृंखला है.
#WATCH प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस में AI एक्शन समिट को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमें ओपन सोर्स सिस्टम विकसित करना चाहिए जो विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाए। हमें पक्षपात रहित गुणवत्तापूर्ण डेटा सेंटर बनाने चाहिए, हमें प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करना चाहिए और… pic.twitter.com/qwRVwrycQD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 11, 2025
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत एआई को अपनाने के साथ-साथ डेटा गोपनीयता में तकनीकी-कानूनी आधार में भी अग्रणी है. एआई स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और अन्य क्षेत्रों में सुधार लाकर लाखों लोगों के जीवन को बदलने में मदद कर सकता है. उन्होंने कहा कि शासन का मतलब सिर्फ मतभेदों और प्रतिद्वंद्विता को संभालना नहीं है. इसका मतलब नवाचार को बढ़ावा देना और वैश्विक भलाई के लिए इसका इस्तेमाल करना भी है. इसलिए हमें नवाचार और शासन के बारे में गहराई से सोचना चाहिए और खुलकर चर्चा करनी चाहिए. शासन का मतलब सभी के लिए पहुंच सुनिश्चित करना भी है, खासकर वैश्विक दक्षिण में. एआई स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और बहुत कुछ बेहतर करके लाखों लोगों के जीवन को बदलने में मदद कर सकता है. हमें साइबर सुरक्षा, गलत सूचना और डीपफेक से जुड़ी चिंताओं का समाधान करना चाहिए. हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि तकनीक स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र में निहित हो ताकि यह प्रभावी और उपयोगी हो.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें: Haryana: निगम चुनाव के लिए कांग्रेस ने गठित की कमेटियां, इन नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी