इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यहां मंगलवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. इसके बाद दोनों ने संयुक्त संवाददाता को संबोधित किया. ट्रंप ने व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में संवाददाताओं से कहा, ” संयुक्त राज्य अमेरिका अपनी सेना की मदद से गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा. फिलिस्तीनियों को अब वहां से चले जाना चाहिए.”
सीएनएन की खबर के अनुसार, ट्रंप ने कहा संयुक्त राज्य अमेरिका और इजराइल गाजा पट्टी पर मिलकर काम करेंगे. दोनों देश गाजा पट्टी के भविष्य के लिए जिम्मेदार होंगे. सभी खतरनाक गैर-विस्फोटित बमों और अन्य हथियारों को नष्ट किया जाएगा. जमीन को समतल कर नई इमारतों का निर्माण कराया जाएगा. उन्होंने कहा गाजा पट्टी में अमेरिका अपनी सेना भेज सकता है. गाजा के लिए जो भी जरूरी होगा, वह किया जाएगा.
ट्रंप ने कहा कि वह दीर्घकालिक स्वामित्व की स्थिति महसूस कर रहे हैं. उन्होंने इस संबंध में बहुत लोगों से बातचीत की है. सबका विचार है कि गाजा में संयुक्त राज्य अमेरिका का राज होगा. वहां रोजगार के अवसर सृजित किए जाएंगे. नए गाजा के विकास में फिलिस्तीनी शामिल नहीं होंगे.
ट्रंप ने कहा कि वह गाजा में शेष बंधकों को मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस अवसर पर ट्रंप की तारीफ की. उन्होंने कहा कि लगता है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने इस प्रयास में बड़ी ताकत और शक्तिशाली नेतृत्व जोड़ा है. संघर्ष विराम और बंधक रिहाई समझौते पर हस्ताक्षर करने के अपने सभी प्रयासों के लिए ट्रंप को अभी भी तीन चरण की योजना के शेष दो चरणों की देखरेख करने की आवश्यकता होगी. नेतन्याहू के वाशिंगटन आने से पहले ट्रंप ने ईरान के प्रति सख्त रुख अपनाते हुए एक निर्देश पर हस्ताक्षर किए हैं. नेतन्याहू रविवार देररात राष्ट्रपति ट्रंप के अतिथि निवास ब्लेयर हाउस पहुंचे. उनके अमेरिका में सप्ताह के अंत तक रुकने की उम्मीद है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें: सीरिया पर अमेरिकी हवाई हमला, अल-कायदा आतंकी के कमांडर मोहम्मद सलाह अल-जबीर की मौत