Haryana: हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने जींद के एसपी पर लगे यौन शोषण के आरोपों को निराधार पाया है. एडीजीपी (क्राइम ब्रांच) ममता सिंह के नेतृत्व में जांच दल ने बुधवार को अपनी अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी.
जांच कमेटी ने जींद जिले में तैनात 168 महिला पुलिस कर्मियों से बातचीत की, जिसमें से 118 के बयान दर्ज हुए हैं. किसी भी महिला पुलिस कर्मचारी ने अपने विरुद्ध किसी तरह के यौनाचार से इनकार किया है और उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें कहा जा रहा था कि जींद के एसपी, जींद की महिला डीएसपी और महिला पुलिस की थानाध्यक्ष मिलकर महिला कर्मचारियों का शोषण करते थे और उन्हें उत्पाड़ित किया जाता था.
एडीजीपी ममता सिंह के नेतृत्व वाले विशेष जांच दल में आईपीएस आस्था मोदी और संगीता कालिया ने जांच पूरी की. इस जांच दल ने पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर को अपनी विस्तृत रिपोर्ट पेश कर दी है. 25 अक्टूबर 2024 को इंटरनेट मीडिया पर एक पत्र वायरल होने के बाद एसआईटी का गठन किया गया. एसआईटी ने पांच प्रमुख बिंदुओं पर जांच की और पाया कि रानी, सुमन, गीता, सुमन रानी, प्रीति, रीना और सोनिया के नाम से जो शिकायत की गई थी, इन नामों की कोई पुलिसकर्मी जींद में तैनात नहीं हैं. रानी नाम की एक विधवा पुलिसकर्मी के नाम से आरोप इंटरनेट मीडिया पर सामने आए थे, लेकिन वह भी झूठे निकले.
एसआईटी ने डीजीपी को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा कि कुछ महिला पुलिस कर्मियों ने लिखित में बयान दिए तो कुछ ने अपना नाम नहीं बताया है. मगर एक भी महिला पुलिसकर्मी ऐसी सामने नहीं आई, जिसने जींद के एसपी पर यौन शोषण, एसीआर खराब करने अथवा अन्य किसी तरह के उत्पीड़न की शिकायत की है. एसआइटी ने पाया कि विभिन्न आरोपों में जिन महिला पुलिस कर्मियों को कारण बताओ नोटिस अथवा विभागीय जांच में शामिल होने के पत्र मिले थे, उनमें से भी किसी ने यौनाचार के आरोपों की पुष्टि नहीं की.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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