Haryana: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जहरीले पानी का बयान इस दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने और अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए उनकी आम आदमी पार्टी का बनाया गया एक राजनीतिक हथकंडा है.
मुख्यमंत्री सैनी ने दिल्ली सरकार की विफलता की पोल खोलते हुए कहा कि साल 2021 में दिल्ली ने एक याचिका दायर की, जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने जवाब दिया. इस जवाब में बताया गया कि वजीराबाद तालाब में अमोनिया नाइट्रोजन की समस्या है. साथ ही यह भी बताया गया कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट है, जो 24 एमजी/एल तक अमोनिया वाले पानी को साफ कर सकता है, लेकिन दिल्ली सरकार ने अभी तक वजीराबाद के इस प्लांट को अपग्रेड करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है. इसी का नतीजा है कि दिल्ली के लोग आज भी गंदा पानी पीने को मजबूर हैं, लेकिन अरविंद केजरीवाल अपनी नाकामी छुपाने के लिए अब हरियाणा पर दोषारोपण कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि हरियाणा के लोग यमुना नदी को मां का स्थान देते हैं. यमुना हरियाणा और दिल्ली दोनों के लिए जीवनदायिनी है, और इसकी पवित्रता बनाए रखना हम सभी की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का यमुना के पानी में जहर मिलाने का आरोप हरियाणा और उसके लोगों की आस्था का अपमान है. हरियाणा के लोग यमुना को एक पवित्र नदी मानते हैं और इसकी पूजा करते हैं. उन्होंने कहा कि केजरीवाल के आरोप न केवल आधारहीन है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक परंपराओं और मान्यताओं का भी अपमान है.
नायब सिंह सैनी ने कहा कि दिल्ली को यमुना और रावी-व्यास के हिस्से के पानी से मुनक में 1049 क्यूसेक पीने के पानी की आपूर्ति होती है. हरियाणा इस पानी को दो नहरों कैरियर लाइन चैनल (सीएलसी) और दिल्ली शाखा के माध्यम से दिल्ली को लगातार सप्लाई कर रहा है. वर्ष 2014 में कैरियर लाइन चैनल के चालू होने के बाद से हरियाणा किसी भी नाले या यमुना नदी के माध्यम से दिल्ली को कोई पानी नहीं देता है और केवल सीएलसी और दिल्ली शाखा की नहर प्रणाली के माध्यम से दिल्ली को साफ पानी सप्लाई किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार दिल्ली को सप्लाई किए जा रहे जल की शुद्धता और इसकी सतत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि 7 से 13 जनवरी 2021 के बीच केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यमुनानगर (हरियाणा) से लेकर वजीराबाद (दिल्ली) तक पानी की जांच की और प्रदूषण के मुख्य कारणों को जांचा था। जांच में पाया गया कि पल्ला और वजीराबाद के बीच गंदा पानी अवैध रूप से छोड़ा जा रहा है. वजीराबाद तालाब में तलछट जमा होने से अमोनिया नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ रही है. दिल्ली सरकार ने 2021 से अब तक सीपीसीबी की इस रिपोर्ट पर कोई कदम नहीं उठाया. दिल्ली सरकार ने ना तो पल्ला और वजीराबाद के बीच गंदे पानी के अवैध निर्वहन को रोका गया है और ना ही वजीराबाद तालाब की सफाई के लिए कोई प्रयास किया गया है. मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अनुरोध करते हुए कहा कि वे जल संरक्षण को प्राथमिकता दें और जल संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करें. जल की बचत न केवल वर्तमान बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी महत्वपूर्ण है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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