भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर अभी अमेरिकी दौरे पर है. हाल ही में, अमेरिका के नए विदेश मंत्री मार्को रुबिया और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइक वाल्ट्ज से साथ जयशंकर की पहली द्विपक्षीय बैठक हुई. यह बैठक भारत के लिए काफी अहम मानी जा रही है. इस मीटिंग में बांग्लादेश की मौजूदा हालात के बारे में भी चर्चा की गई.
पत्रकार द्वारा पूछे गए एक सवाल पर विदेश मंत्री जयशंकर ने जवाब देते हुए कहा कि हां हमारी बांग्लादेश में मौजूद अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ हो रहे बर्ताव के बारे में चर्चा हुई. लेकिन मुझे लगता है कि अभी इस बारे में ज्यादा डिटेल से बात करना सही नहीं है.
बता दें 5 अगस्त को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्त पलट के बाद वहां बांग्लादेश नेशनल पार्टी की अगुवाई में इस्लामिक कट्टरपंथी सरकार अस्तिव में आ गई. उसके बाद से ही वहां पर हिंदुओं के खिलाफ होने वाले हमले होने लगे. घरों से लोगों को निकालकर बाहर पीटा जा रहा है. उनके घर और मंदिरों को जलाया जा रहा है. जब इन सबके खिलाफ इस्कॉन संत चिन्मय कृष्ण दास ने अपनी आवाज उठाई. तो उन्हें कथित देशद्रोह के आरोप में जेल में डाल दिया है.
सैन फ्रांसिस्कों में भारतीय दूतावास पर हुए हमले पर की चर्चा
एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका विदेश मंत्री मार्को रुबिया के साथ हुई बातचीत के दौरान उन्होंने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास पर किए गए हमले वाले मामले को उठाया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम उनसे जवाबदेही की उम्मीद करते हैं. यह बहुत ही गंभीर मामला है. बता दें साल 2023 मार्च के महीने में सैन फ्रांसिस्को में भारतायी महावाणिज्य दूतावास पर हमला किया गया था. आसामजिक तत्वों का एक समूह दूतावास के नजदीक गया और ज्वलनशील पर्दाथों से आग लगाने की कोशिश की. इस हमले में सार्वजनिक संपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचाया गया था. साथ ही खालिस्तानियों के समर्थन में नारे भी लगाए गए थे.
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