Haryana: ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ की दसवीं वर्षगांठ के अवसर पर जिले में एक हृदयविदारक घटना सामने आई है. यहां पर एक महिला ने बेटा न होने से परेशान होकर दो बेटियों संग नहर में छलांग लगा दी. मां और एक बेटी का शव बरामद हो चुका है जबकि एक बेटी की अभी तलाश की जा रही है.
भले ही सरकार बेटियों को बचाने व पढ़ाने के लिए अनेक अभियान चलाती हो लेकिन आज भी समाज में बेटे को अधिमान दिया जा रहा है. यह घटना इसका उदाहरण है जब एक महिला ने चार बेटियों को जन्म दे दिया तो वह इस बात से परेशान रहने लगी कि उसे बेटा नहीं हुआ. बताया जा रहा है कि चार बेटियों को जन्म दे चुकी 30 वर्षीय नीलम बेटा न होने से हताश व परेशान रहती थी. नीलम और उसकी ढाई वर्षीय बेटी दीपांशु के शव मंगलवार दोपहर को सिरसा जिले के नाथूसरी चौपटा के पास नहर से मिले.
उकलाना थाना पुलिस और परिजन सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे. डॉक्टरों की टीम ने बुधवार को दोनों शवों का पोस्टमार्टम हिसार के नागरिक अस्पताल में किया. पुलिस और परिजन अब दूसरी बेटी 11 वर्षीय अंशु की तलाश कर रहे हैं. पुलिस को दिए बयान में साहू गांव के अमरजीत ने बताया कि वह सिंचाई विभाग में ड्यूटी करता है. उन्होंने बताया कि करीब 12 साल पहले भिवानी के सिवाना गांव की नीलम के साथ उसकी शादी हुई थी. शादी के बाद पत्नी ने चार बेटियों को जन्म दिया. बड़ी बेटी 11 साल की अंशु, 8 साल की आशु, 5 साल की दीक्षा और ढाई साल की दीपांशु हैं. पत्नी अक्सर चार बेटियां होने पर परेशान रहती थी. उसे यह मलाल रहता था कि वह बेटे को जन्म ना दे सकी. इसी बात से लेकर वह मानसिक तौर पर परेशान रहती थी. पति के अनुसार वह 20 जनवरी को सुबह काम पर चला गया.
घर पर मां छन्नो देवी, पत्नी नीलम और तीन बेटियां अंशु, आशु व दीपांशु थी. पत्नी दोपहर को एक बजे दो बेटियों अंशु और दीपांशु के साथ सनियाना गांव में दवा दिलवाने की बात कहकर घर से निकली. उसके बाद वह वापस घर नहीं आई. उसकी काफी जगह तलाश की गई, मगर तीनों का कहीं कोई पता नहीं चला. उकलाना पुलिस को सूचना दिए जाने के बाद पुलिस ने गुमशुदगी का केस दर्ज किया था.
अमरजीत के अनुसार उकलाना थाना पुलिस ने मंगलवार दोपहर को लगभग एक बजे उसे सूचना दी कि सिरसा जिले के नाथूसरी चौपटा पुलिस से सूचना मिली है कि माइनर से एक महिला और मासूम बच्ची के शव मिले हैं. सूचना मिलने पर वह उकलाना थाना पुलिस के साथ मौके पर पहुंचा और दोनों शवों की शिनाख्त की, मगर अंशु का कहीं कोई पता नहीं चला. पुलिस ने बुधवार को हिसार के सिविल अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को शव सौंप दिए.
परिजनों ने बताया कि नीलम ने पहले से तीन बेटियों के साथ जान देने का मन बना लिया था. इसलिए वह अपनी तीन बेटियों को साथ ले जाना चाहती थी. आशु को उसकी दादी छन्नो देवी ने नहीं ले जाने दिया. दादी ने उसको अपने पास रख लिया, वहीं दीक्षा अपनी ननिहाल सिवाना गांव में रहती है. पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि नीलम अपनी दो बेटियों के साथ सनियाना गांव के पास से गुजरने वाली नहर में कूदी थी, वहीं आशु की तलाश की जा रही है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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