Tirupati Temple Stampede: आंध्र प्रदेश के सुप्रसिद्ध तिरुपति मंदिर (Tirupati Temple) में गत देर शाम भगदड़ में 6 लोगों की मौत हो गई जबकि 40 घायल श्रद्धालुओं का तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर रामनारायण रुइया सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है. यह घटना तिरुमाला श्रीवारी वैकुंठ द्वार टिकट काउंटर के करीब विष्णु निवासम के पास ‘दर्शन’ टोकन वितरण के दौरान हुई. ये सभी बुधवार शाम 10 जनवरी से 19 जनवरी तक वैकुंठ एकादशी के अवसर पर खुलने वाले “तिरुमाला वैकुंठ द्वार” के दर्शन का टोकन लेने के लिए लाइन में खड़े थे और वहां अचानक भगदड़ मच गई.
Pained by the stampede in Tirupati, Andhra Pradesh. My thoughts are with those who have lost their near and dear ones. I pray that the injured recover soon. The AP Government is providing all possible assistance to those affected: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) January 8, 2025
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय के एक्स पोस्ट में लिखा, ‘आंध्र प्रदेश के तिरुपति में भगदड़ से दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है. मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं. आंध्र प्रदेश सरकार प्रभावित लोगों की हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है.’
हादसे पर लगातार नजर रख रहे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने गहरा दुख जताया है.
Pained by the unfortunate incident of the stampede in the Tirupati temple. My sincerest condolences to the families of the deceased. May the injured recover at the earliest.
తిరుపతి విష్ణు నివాసం టికెట్ల కౌంటర్ వద్ద జరిగిన తొక్కిసలాట సంఘటన విషయం నన్ను తీవ్ర దిగ్భ్రాంతికి గురి…
— Amit Shah (@AmitShah) January 8, 2025
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए भगदड़ में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हुए एक्स पर पोस्ट किया- ‘तिरुपति मंदिर में भगदड़ की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से दुखी हूं. मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना.’
तिरुपति वैकुंठ द्वार के दर्शन का क्या है महत्व?
विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के भीतरी गर्भगृह के बगल में है वैकुंठ द्वार, जो वर्ष में केवल एकबार वैकुंठ एकादशी के शुभ मुहूर्त पर ही खोला जाता है. इस शुभ दिन भक्त वैकुंठ द्वार के अंदर आकर भगवान का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. इसके साथ ही भगवान वेंकटेश्वर की परिक्रमा करते हैं. मान्यता है कि वैकुंठ द्वार का दर्शन सौभाग्य से मिलता है. मान्यता है कि यह दुर्लभ अवसर भक्तों को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्रदान करता है. प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु इन दस दिनों के दौरान मोक्ष की कामना के साथ भगवान वेंकटेश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. इस बार 10 जनवरी को वैकुंठ एकादशी का पर्व है और इसी दिन दर्शन के लिए द्वार खाेले जाएंगे. 19 जनवरी तक वैकुंठ द्वार खुले रहेंगे.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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