Farmer Protest: किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि खनौरी और शंभू बार्डर पर जो किसान आंदोलन चल रहे हैं, उसका संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है, उसे किसान संगठनों की दूसरी कमेटी चला रही है. उन्होंने साफ किया कि संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अभी कोई नया आंदोलन शुरू नहीं किया जा रहा. मोर्चा की अभी बैठकें हो रही हैं. अगर केन्द्र सरकार किसानों की बातें नहीं मानेगी तो संयुक्त किसान मोर्चा उसके बाद आंदोलन को लेकर रणनीति बनाएगा.
राकेश टिकैत शनिवार को फतेहाबाद जिले के शहर टोहाना में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित किसान महापंचायत में भाग लेने आए थे. इस पंचायत में किसानों की समस्याओं को लेकर विस्तार से चर्चा की गई. महापंचायत के दौरान पत्रकारों से बातचीत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों की टोहाना में हो रही महापंचायत का बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं हैं. बॉर्डर पर आंदोलन 10-11 महीने से चल रहा है, यहां तो एक दिन की पंचायत की जा रही है, जिसमें किसानों की मांग उठाई जा रही है. इस पंचायत और उस आंदोलन का आपस में कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि जो तीन काले कानून पहले वापस करवाए थे, वही अब नई नीति के ड्राफ्ट में शामिल हैं. चाहे खुली मंडी की बात हो, मार्केट फीस कम करने की बात हो, कांट्रेक्ट फार्मिंग की बात है, सभी वही मामले हैं.
राकेश टिकैत ने कहा कि 7 जनवरी को उनकी पूरे देश में पंचायत होगी. टिकैत ने कहा कि अभी तक हमारी बैठकें चल रही हैं, अभी तक कोई धरना आंदोलन नहीं चल रहा. हम अपने संगठन के बैनर के तले काम कर रहे हैं. जहां कोई समस्या है, उसको उठाते रहते हैं. आमरण अनशन पर बैठे डल्लेवाल के समर्थन के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि वे वहां गए थे, उनसे मिलकर आए थे. वो उनको नहीं कह सकते कि वो अपना अनशन खत्म करें, उनकी कमेटी आगे का निर्णय लेगी. उन्होंने कहा कि एमएसपी गारंटी कानून लागू हो, अभी जो नए ड्राफ्ट आए हैं, उसका भी किसान विरोध करते हैं. सरकार इन ड्राफ्ट को भी वापस ले. किसान महापंचायत में पहुंचे जोगेंद्र सिंह उगराहां ने कहा कि किसानों का आंदोलन लगातार चल रहा है, कानून दोबारा लाए जा रहे हैं, इस पर लड़ाई तेज होगी. पहले भी लगातार कार्यक्रम चलते आ रहे हैं और अब तेज किए जाएंगे. सरकार ने पहले भी दिल्ली नहीं जाने दिया था, अब शंभु व खनौरी बॉर्डर पर किसानों को रोकने की भी संयुक्त किसान मोर्चा निंदा करता है. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा की मांग है कि लखीमपुरी किसानों के दोषियों को सजा दी जाए, एमएसपी गांरटी कानून लागू हो, किसानों को कर्जमुक्त किया जाए. आंदोलनकारी शहीद किसानों के परिवारों को नौकरियां दी जाए, किसानों पर दर्ज पर्चे रद्द हो और बिजली बिल रद्द किया जाए.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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