Haryana: हरियाणा की खापों ने केन्द्र सरकार को 9 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया है. यदि इस अवधि तक केन्द्र सरकार ने आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल से बातचीत नहीं की तो 9 जनवरी को मुजफ्फरनगर में देश की सभी खापों की महापंचायत बुलाकर कड़े फैसले लिए जाएंगे. आज हुई महापंचायत में किसान आंदाेलन के समर्थन काे लेकर काेई फैसला नहीं हुआ अलबत्ता किसान संगठनाें काे एक मंच पर लाने पर जरूर सहमति बन गई.
इस संबंध में जिले के नारनौंद क्षेत्र के बास गांव में प्रदेश की 102 खाप पंचायतों की बैठक हुई. बैठक में केन्द्र के रवैये पर की निंदा करते हुए आमरण अनशन पर बैठे जगजीत डल्लेवाल की हालत पर चिंता जताई गई. लगभग पांच घंटे तक चली महापंचायत में खापों ने किसानों के एकजुट होने तक किसान आंदोलन का समर्थन करने से इनकार कर दिया है.
खाप प्रतिनिधियों ने कहा कि अगर आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा सांझी एकता के लिए बुलाएंगे तो खापों की 18 मेंबरी कमेटी सबको एक प्लेटफार्म पर लाने के लिए जाएगी.
बैठक में उमेद सिंह सरपंच रिठाल, दहिया खाप के प्रधान जयपाल दहिया, सतरोल खाप के प्रतिनिधि सतीश चेयरमैन, कंडेला खाप के प्रतिनिधि ओम प्रकाश कंडेला, महम चौबीसी तपा प्रधान महावीर, माजरा खाप के प्रतिनिधि गुरविंद्र सिंह, फोगाट खाप दादरी के रविंद्र फोगाट, दलाल खाप से प्रधान सुरेंद्र दलाल, सांगवान खाप के प्रधान सोमवीर सांगवान, एसकेएम नेता विकास सिसर, देशवाल खाप प्रतिनिधि राम पाल सिंह देशवाल, पंचग्रामी खाप के बलवान शास्त्री, फोगाट खाप के प्रधान सुरेश फोगाट मौजूद रहे.
किसानों ने कहा कि पिछले 10 महीने से पंजाब के दो किसान संगठन फसलों की खरीद के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के कानून की मांग पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं. इसी मांग को लेकर किसान नेता जगजीत डल्लेवाल खनौरी बॉर्डर पर 34 दिन से आमरण अनशन पर बैठे हैं और उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है.
खापों की बैठक में पहुंचे शंभू-खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि ‘हमने किसान आंदोलन शुरू करने से पहले 14 बार मीटिंग की. किसान संगठनों को साथ लाने का प्रयास किया, लेकिन कोई साथ नहीं आया. हमने पंजाब में आंदोलन शुरू किया, वहां माहौल बना. अब हरियाणा में भी माहौल बन रहा है.’ उन्होंने बिना नाम लिए संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन में शामिल न होने की शिकायत की.
खापों की बैठक में पहुंचे कांग्रेस नेता पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा कि ‘सरकार का काम आपस में फूट डालने और आंदोलन को तोड़ने का है. घर में भाई-भाई में भी मनमुटाव हो जाता है. जितने भी किसान संगठनों में मनमुटाव चल रहा है, वे बैठकर बात करें. अगर आंदोलन जीतना है तो हमें इकट्ठा होना पड़ेगा.’
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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