Haryana: हरियाणा सरकार प्रदेश में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर निकालेगी. इसके लिए राज्य पुलिस तथा सीआईडी विंग ने प्रदेश भर में वेरिफिकेशन अभियान शुरू कर दिया है. पुलिस की टीमें लगातार झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर इनकी पहचान से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर रही हैं.
मुख्यमंत्री नायब सैनी की तरफ से हालही में कानून-व्यवस्था को लेकर एक बैठक की गई थी. जिसमें आलाधिकारियों को इस बारे में ब्योरा एकत्र करने के निर्देश दिए गए हैं. हरियाणा में करीब 12 साल पहले रेवाड़ी, नूंह, महेंद्रगढ़ और फरीदाबाद में बांग्लादेश से आए रोहिंग्या मुसलमानों को बसाया गया था.
खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट दिया है कि ये रोहिंग्या प्रदेश में अपराध और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. इसके बाद सरकार ने दिल्ली से सटे जिलों में पुलिस और सीआईडी को अलर्ट रहने के लिए कहा है. सरकार ने इनके वेरिफिकेशन के लिए 12 जनवरी 2025 तक की समय सीमा तय की है. दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी रोहिंग्याओं के खिलाफ विशेष अभियान चल रहा है. जिसके चलते कुछ बांग्लादेशी रोहिंग्याओं के फरीदाबाद, गुरुग्राम व नूंह क्षेत्र में आने की आशंका जताई जा रही है.
सरकार के पास इनपुट है कि नूंह में रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या बढ़ती जा रही है. मेवात में कुछ लोग इन रोहिंग्या मुसलमानों को शरण दे रहे हैं. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, पूरे प्रदेश में 600 से 700 रोहिंग्या मुस्लिम परिवार रह रहे हैं. केवल नूंह में करीब दो हजार रोहिंग्या रहते हैं. नूंह के अलावा फरीदाबाद, गुरुग्राम, पलवल और यमुनानगर जिलों में रहते हैं. इनमें से कईयों के आधार कार्ड व राशन कार्ड बन चुके हैं.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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