‘मंथन’, ‘अंकुर’, ‘निशांत’, ‘भूमिका’ जैसी कई समानांतर फिल्मों के निर्माता और निर्देशक श्याम बेनेगल का निधन हो गया है. भारतीय सिनेमा में अहम योगदान देने वाले श्याम बेनेगल ने आज आखिरी सांस ली. उनकी बेटी पिया बेनेगल ने इस बात की जानकारी दी है. पिया ने कहा कि श्याम बेनेगल की निधन की खबर सच है. श्याम बेनेगल 90 साल के थे. उनकी बेटी ने बताया कि उन्होंने आज शाम अंतिम सांस ली. पिया बेनेगल ने बताया, “श्याम बेनेगल का आज 23 दिसंबर शाम 6.30 बजे निधन हो गया.”
पिया बेनेगल के मुताबिक श्याम बेनेगल का आज शाम मुंबई सेंट्रल के वॉकार्ट हॉस्पिटल में निधन हो गया. श्याम बेनेगल लंबे समय से क्रोनिक किडनी की समस्या से पीड़ित थे. वह बीमारी के आखिरी चरण में पहुंच चुके थे. इलाज के दौरान अस्पताल में उनकी मौत हो गई. उनके दाह संस्कार पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा.
Deeply saddened by the passing of Shri Shyam Benegal Ji, whose storytelling had a profound impact on Indian cinema. His works will continue to be admired by people from different walks of life. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 23, 2024
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पोस्ट में लिखा कि श्री श्याम बेनेगल जी के निधन से बहुत दुख हुआ, जिनकी कहानी कहने की कला ने भारतीय सिनेमा पर गहरा प्रभाव डाला. उनके काम को विभिन्न क्षेत्रों के लोग हमेशा सराहते रहेंगे. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना. ओम शांति.
The passing of Shri Shyam Benegal marks the end of a glorious chapter of Indian cinema and television. He started a new kind of cinema and crafted several classics. A veritable institution, he groomed many actors and artists. His extraordinary contribution was recognised in the…
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 23, 2024
राष्ट्रपति ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि श्याम बेनेगल के निधन से भारतीय सिनेमा और टेलीविजन के एक गौरवशाली अध्याय का अंत हो गया. उन्होंने एक नए तरह के सिनेमा की शुरुआत की और कई क्लासिक फिल्में बनाईं. एक सच्चे संस्थान के रूप में उन्होंने कई अभिनेताओं और कलाकारों को तैयार किया. उनके असाधारण योगदान से दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण सहित कई पुरस्कारों के रूप में मान्यता मिली. उनके परिवार के सदस्यों और उनके अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं.
शानदार रहा श्याम बेनेगल का फिल्मी करियर
उल्लेखनीय है कि श्याम बेनेगल ने ‘अंकुर’, ‘निशांत’, ‘मंथन’, ‘भूमिका’, ‘जुनून’, ‘वेलकम टू सज्जनपुर’ आदि कई फिल्में दीं. ‘अंकुर’ की बदौलत हिंदी सिनेमा को शबाना आजमी नाम की एक्ट्रेस मिलीं. समानांतर सिनेमा के निर्देशन में उनका बहुत बड़ा योगदान था. उनकी पहली फिल्म ‘अंकुर’ को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. साथ ही फिल्म ‘निशांत’, ‘मंथन’, ‘जुनून’, ‘आरोहण’ को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है. ‘महाभारत’ की अवधारणा पर उनके द्वारा निर्देशित फिल्म ‘कलयुग’ आज भी सिनेमा जगत की उत्कृष्ट कृति मानी जाती है. उनकी उर्दू फिल्म ‘सरदारी बेगम’ भी कई वजहों से चर्चा में रही. फिल्म ‘जुबैदा’ भी काफी चर्चा में रही थी. नेताजी सुभाष चंद्र बोस द फॉरगॉटन हीरो और वेल डन अब्बा उनकी हालिया फिल्में हैं. श्याम बेनेगल का नाता समानांतर सिनेमा से जुड़ा था. अनंत नाग, नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, शबाना आजमी, स्मिता पाटिल उनकी फिल्मों के कलाकार थे. एक जुनूनी निर्देशक ने आज अंतिम सांस ली. आज हर किसी को लग रहा है कि समानांतर सिनेमा का युग खत्म हो गया है.
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से हो चुके हैं सम्मानित
श्याम बेनेगल ने समानांतर फिल्मों के माध्यम से भारतीय सिनेमा में महान योगदान दिया. उनकी फिल्मों के लिए उन्हें प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. उन्होंने अपने करियर के दौरान कई पुरस्कार भी जीते, जिनमें 18 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी शामिल हैं. उन्हें 1976 में पद्म श्री और फिर 1991 में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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