शिक्षा विभाग ने एक निजी स्कूल काे फर्जी दस्तावेजाें के आधार पर मान्यता दिलाने वाले विभागीय क्लर्क के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं. मामला उस समय का है जब क्लर्क मार्च 2013 से लेकर अगस्त 2018 तक जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कैथल के कार्यालय में तैनात था. अब इस मामले में विभाग के मुख्यालय की तरफ से लिपिक के खिलाफ कार्रवाई बारे निर्देश जारी किए गए हैं.
लिपिक पर आरोप है कि स्कूल प्रबंधन से मिलीभगत करते हुए झूठे कागजात के आधार पर गांव बालू स्थित एक निजी स्कूल को मान्यता दिलवाई गई। इस मामले में जिला स्तरीय कमेटी द्वारा 21 मार्च 2018 को प्रस्तुत रिपोर्ट भी चार माह बाद भेजी गई. इस पर लिपिक की लापरवाही व काम के प्रति कोताही नजर आती है. वहीं इस मामले में लिपिक का कहना है कि जब यह मामला उनके समय का नहीं है. उन पर आरोप गलत लगाए गए हैं और यह मामला अभी अदालत में विचाराधीन है. जिला शिक्षा अधिकारी राम दिया का कहना है कि राकेश कुमार जब मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात थे. यह मामला उसे समय का है. शिक्षा विभाग ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है और उनसे 15 दिन के भीतर जवाब मांगा है.
बता दे कि जिले में करीब 38 स्कूल आज भी बिना मान्यता के चल रहे हैं. शि क्षा विभाग इन स्कूलों को बंद करने के निर्देश जारी कर चुका है, लेकिन आज तक भी इन स्कूलों को बंद नहीं किया गया है. अब तक चार स्कूलों को ही बंद किया जा चुका है, लेकिन अन्य स्कूलों के खिलाफ आज तक कार्रवाई नहीं की गई है. बिना मान्यता के चल रहे इन स्कूलों में कक्षाएं तो लगती हैं, लेकिन दाखिला किसी और स्कूल में दिखाया गया है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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