Delhi Air Pollution Update: राजधानी दिल्ली में फिर एक बार प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. दिल्ली की हवा पहले सुधरने के बाद अब फिर खराब हो गई है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 374 पर पहुंच गया है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कमिशन ऑफ एयर क्वालिटी मैनेजमेंट यानि सीएक्यूएम (CQAM) की एक सब कमेटी ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 के प्रतिंबधों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है साथ ही संबंधित एजेंसियों को ग्रैप-3 को सख्ती के साथ लागू करने के निर्देश दिए हैं. इस निर्णय के तहत दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्य, डीजल वाहनों को चलाना और अन्य प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है.
Considering the highly unfavourable meteorological conditions including calm winds and very low mixing height leading the AQI of Delhi into the higher end of ‘Very Poor’ Category, the Commission for Air Quality Management (CAQM) Sub-Committee on GRAP decides to impose Stage-III…
— ANI (@ANI) December 16, 2024
सोमवार को सीएक्यूएम ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि राजधानी में हवा की गति रुकने के और प्रदूषण के एक स्थान पर जमा रहने की स्थिति के साथ मौसम की स्थितियां बेहद प्रतिकूल हैं. इससे दिल्ली का एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है. सीएक्यूएम की उप-समिति ने तत्काल प्रभाव से पूरे एनसीआर में संशोधित ग्रैप के चरण- तीन की पाबंदियों को लागू करने का निर्णय लिया है.
इन पाबंदियों के तहत प्रदूषण रोकने के लिए सख्त उपाय किए गए हैं, जिनमें डीजल मालवाहक वाहनों पर प्रतिबंध, निर्माण और खुदाई कार्य पर रोक और स्कूलों में हाइब्रिड मोड शामिल हैं. स्कूलों में पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए हाइब्रिड मोड लागू कर दिया गया है. माता-पिता अपने बच्चों के लिए स्कूल या ऑनलाइन क्लास में से कोई एक विकल्प चुन सकते हैं. पहले यह पाबंदी ग्रैप चार में शामिल की गई थी लेकिन 13 दिसंबर को नियमों में संशोधन के बाद ग्रैप चार की पाबंदियों को ग्रैप तीन में लाया गया है.
आज दोपहर 2:30 बजे, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 366 था, जो “बहुत खराब” श्रेणी में था, सात दिन पहले जब यह 233 था, उससे बहुत ज़्यादा वृद्धि हुई. तीन दिन पहले, वायु गुणवत्ता सूचकांक 211 था.
वायु गुणवत्ता में सुधार के कारण सुप्रीम कोर्ट ने 5 दिसंबर को ग्रैप-चार के तहत कुछ सख्त उपायों में ढील दी. पिछले महीने दिल्ली और आस-पास के इलाकों में वायु गुणवत्ता “गंभीर” और “बहुत खराब” थी, जिसके कारण स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियां दी गईं और सुप्रीम कोर्ट में मामले दायर किए गए, जिसमें सरकार से कार्रवाई करने का आग्रह किया गया था.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें: चीन दौरे पर जाएंगे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकर अजीत डोभाल, जानिए किस एजेंडे पर होगी चर्चा?