Haryana: संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा केवल एक मूर्ति नहीं बल्कि उनके विचारों, संघर्षों और योगदान की प्रतीक है. पिछले कुछ दिनों से देश भर में विभिन्न स्थानों पर बाबा साहेब की प्रतिमाएं खंडित की जा रही हैं जो कि संकीर्ण व गलत मानसिकता वाले लोगों द्वारा समाज को बांटने का प्रयास है. ऐसा ही एक मामला हाल ही में महाराष्ट्र राज्य में परभाणी स्थित भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा खंडित करने का सामने आया है. इसके विरोध में बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती के निर्देशानुसार शनिवार को प्रदेश भर में प्रत्येक जिला स्तर पर बसपा पदाधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया व जिला उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया. इस मौके पर बसपा के जिला सचिव संजय महंच ने बताया कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने किसी एक जाति विशेष के लिए नहीं बल्कि सर्वसमाज व राष्ट्रहित की सोच रखते हुए कार्य किए थे. बाबा साहब ने समाज में व्याप्त जाति प्रथा और भेदभाव के खिलाफ जीवन भर संघर्ष किया. ऐसे में उनकी प्रतिमा सामाजिक समानता, न्याय और मानवाधिकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है.
बसपा जिला अध्यक्ष रामफल बौद्ध ने कहा कि बाबा साहेब ने देश को संविधान देकर सभी को समान रूप से जीने का अधिकार दिया और आज उसी देश में उनका अपमान किया जा रहा है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बसपा नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही इस मामले में संज्ञान नहीं लिया तो आने वाले दिनों में बसपा बड़ा प्रदर्शन करने पर मजबूर होगी. इस अवसर पर जिला प्रभारी नानक देव प्रजापति, रामदिया खेड़ी, गौतम साहब पूर्व लोकसभा प्रभारी, संजय महंच जिला सचिव, गुलाब धीमान, पवन सभ्रवाल, जितेंद्र मोटा, मनीष तोंदवाल, संदीप महरा, फूल कुमार भोला, जोगिन्द्र रंगा, दिलबाग डोभी, अजय भाटला, सतीश काजला, पवन सभ्रवाल, जोगिंद्र कोहिला, विजय बौद्ध व अन्य साथी मौजूद रहे.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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