Haryana: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में बांग्लादेश हिंदू रक्षा समिति के बैनर तले शहर की सामाजिक और धार्मिक संस्थाओं ने रोष प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद एसडीएम को ज्ञापन भी दिया गया. सोमवार को शहर के जवाहर पार्क में विभिन्न संस्थाओं से जुड़े लोग एकत्रित हुए और बांग्लादेश में हिन्दुओं के नरसंहार, मंदिरों में तोड़फोड़ और महिलाओं के उत्पीडन की खिलाफ आवाज बुलंद की.
जिला प्रशासन की ओर से एस. डी. एम. अजय सिंह ज्ञापन लेने पहुंचे. रोष प्रदर्शन में महाबीर दल चीका, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् कैथल, अखिल भारतीय जाट आरक्षण समिति, अग्रवाल युवा सभा, माता बाला सुन्दरी समिति, हरियाणा पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन, भारत विकास परिषद्, सेवा भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, भारतीय मजदूर संघ व भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया. प्रदर्शन में महंत ईश्वर दास ने सयुंक्त राष्ट्र संघ व मानव अधिकार आयोग की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाए. उन्होंने ने कहा कि अनेक ऐसे उदहारण हैं. जिससे यह स्पष्ट होता है कि सनातन के प्रति ये संस्थाएं दोगला रवैया अपनाती हैं. आज संयुक्त राष्ट्र संघ चुप बैठ सब देख रहा है, छोटे- छोटे विवादों में अनेक देशों में शान्ति सेना भेजने वाला राष्ट्र संघ आज चुप क्यों है. क्या हिन्दू का मानव अधिकार नहीं, क्या हिन्दू मानव नहीं है. कठवाड उदासीन अखाड़े के महंत त्रिवेणी महाराज ने कहा कि मुहम्मद युसूफ जिसको शान्ति का नोबल मिला है. वही आज हिदुओं को मरवाने में भूमिका निभा रहा है.
बांग्लादेश में सेना और पुलिस मूक दर्शक बन उपद्रवियों की सहायक की भूमिका में है. ऐसे में विश्व समुदाय की चुप्पी भी विश्व शान्ति के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने भारत सरकार से कूटनीतिक कदम उठाने की बात कही. विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने कहा कि बंग्लादेश में हिन्दुओं के नरसंहार पर मोमबती रुदन गैंग की चुप्पी उनपर सवालिया निशान लगती है. बात- बात पर मानवाधिकारों की दुहाई देने वाले आज चुप क्यों है ? वक्ताओं ने भारत सरकार से वहां के अल्पसंख्यकों यानि हिन्दुओं की रक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया और कहा कि भारत सरकार वहां कूटनीतिक दृष्टि अपनाते हुऐ कार्यवाही करे. वहां से आने वाले शरणार्थियों का उचित प्रबंध करे.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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