अब पूरी दुनिया में हर साल 21 जून को विश्व ध्यान दिवस मनाया जाएगा. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारत के सह-प्रायोजन मसौदा प्रस्ताव को आमराय से स्वीकार करते हुए 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस घोषित किया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने इसे ‘व्यापक कल्याण और आंतरिक परिवर्तन का दिन’ बताते हुए एक्स हैंडल पोस्ट पर यह खुशखबरी दी.
A day for comprehensive well being and inner transformation!
Glad that India alongwith other nations of the core group guided the unanimous adoption of the resolution on declaration of 21 December as World Meditation Day @UN General Assembly today.
India’s leadership in… pic.twitter.com/4ARgXw4yXm
— Parvathaneni Harish (@AmbHarishP) December 6, 2024
पर्वतनेनी हरीश ने एक्स पर लिखा, ”खुशी है कि भारत ने कोर ग्रुप के अन्य देशों के साथ मिलकर 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अपनाने का मार्गदर्शन किया. समग्र मानव कल्याण के लिए भारत का नेतृत्व ‘हमारे सभ्यतागत सिद्धांत-वसुधैव कुटुम्बकम’ पर आधारित है.”
उन्होंने कहा कि 21 दिसंबर शीतकालीन संक्रांति का प्रतीक है. भारतीय परंपरा में यह उत्तरायण की शुरुआत है. यह वर्ष का शुभ समय होता है। आंतरिक प्रतिबिंब के लिए तो इसका विशेष रूप से महत्व है. इससे पहले भारत 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित कराने में अग्रणी भूमिका निभा चुका है. भारत में 21 जून ग्रीष्म संक्रांति का प्रतीक है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में यह सफलता भारत के साथ ही अन्य देशों की कोशिशों से मिली है. भारत के साथ लिकटेंस्टीन, श्रीलंका, नेपाल, मैक्सिको और अंडोरा उन देशों के मुख्य समूह के सदस्य थे, जिन्होंने 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में विश्व ध्यान दिवस शीर्षक वाले प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित करने में अहम भूमिका निभाई.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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