‘काश पुरुषों को भी पीरियड्स होते…’ ये टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की जज ने की है और सही भी है तभी पुरुष समझ पाते कि आखिर उन दिनों क्या हालात होते है जब आप चल-फिर नहीं पाते, दर्द सूजन और इतनी पीड़ा. जिसका अंदाजा पुरुष कभी नहीं लगा पाता.
‘काश पुरुषों को भी पीरियड्स होते…’ ये टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की जज ने की है और सही भी है तभी पुरुष समझ पाते कि आखिर उन दिनों क्या हालात होते है जब आप चल-फिर नहीं पाते, दर्द सूजन और इतनी पीड़ा. जिसका अंदाजा पुरुष कभी नहीं लगा पाता.
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