चंडीगढ़। हरियाणा में डॉक्टरों के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी लागू होगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसे मंजूरी दे दी गई है। इसके लिए बकायदा एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। सरकारी डॉक्टर लंबे समय से चाहते थे कि उनके तबादले ऑनलाइन होने चाहिए, ताकि इन तबादलों में राजनीतिक हस्तक्षेप को कम किया जा सके। अभी दुर्भावना में डॉक्टरों को ऐसे स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया जाता है, जहां उनके लिए कोई सुविधा नहीं होती।
प्रदेश सरकार ने साल 2016 में भी ऑनलाइन तबादला नीति बनाने की पहल की थी, लेकिन तब वह कामयाब नहीं हो सकी थी।
उस समय अनिल विज राज्य के स्वास्थ्य मंत्री थे। उस समय ट्रायल के तौर पर स्वास्थ्य विभाग में 482 डॉक्टरों के ऑनलाइन तबादले किये गये थे, लेकिन तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने यह कहते हुए इन रोक लगा दी थी कि तबादलों का डाटा अपलोड किए जाने में मिल रही अनियमितताओं के मद्देनजर यह रोक लगाई गई है। कुछ कपल (पति-पत्नी) केस तबादलों संबंधी पूरा डाटा नहीं होने की वजह से भी इस तबादला नीति को रोक दिया गया था।
हरियाणा के स्वास्थ्य सचिव सुधीर राजपाल ने गुरुवार को डॉक्टरों के ऑनलाइन तबादलों की पॉलिसी तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है।कमेटी को स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव आदित्य दहिया लीड करेंगे। इसके अलावा स्वास्थ्य महानिदेशक डा. मनीष बंसल और स्वास्थ्य महानिदेशालय में तैनात एसएमओ डॉ. निशिकांत को सदस्य के रूप में रखा गया है।
सुधीर राजपाल ने अपने आदेश में कमेटी को निर्देशित किया है कि राज्य में पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षकों) की तर्ज पर ऑनलाइन तबादला नीति को तैयार किया जाना चाहिए। अधिकारियों की यह कमेटी इस बात का भी पता लगाएगी कि देश के किसी राज्य में डॉक्टरों के ऑनलाइन तबादलों की व्यवस्था है या नहीं। यदि किसी राज्य में डॉक्टरों के ऑनलाइन तबादले होते हैं तो कमेटी वहां जाकर उन तबादलों की प्रक्रिया को भी समझेगी।
हिन्दुस्थान समाचार