Haryana: हरियाणा सरकार के निर्देशों पर प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर लगाए जा रहे समाधान शिविर एक बार फिर से विवादों में घिर गए हैं. जिला स्तर पर इन शिविरों में आने वाली शिकायतों के निपटान की दर कम होने तथा पेंडिंग शिकायतों का रिव्यू नहीं करने को लेकर खबरें तो आए दिन आती रहती हैं लेकिन जिला स्तरीय शिविरों की रिपोर्ट चंडीगढ़ मुख्यालय में नहीं भेजी जा रही है. जिसके चलते प्रदेश के जिलों में आम जनता की शिकायतों का स्टेटस चंडीगढ़ में मुख्य सचिव तथा मुख्यमंत्री को नहीं पता चल पा रहा है.
आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए रोजाना सरकारी कार्यालयों में सुबह 9 से 11 बजे तक आमजन की शिकायतों को अधिकारी सुन रहे हैं. इनमें बहुत सी शिकायतें ऐसी भी हैं जिनका मौके पर समाधान नहीं हो पाता है और उन्हें पेंडिंग कर दिया जाता है. मुख्य सचिव कार्यालय ने प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए स्पष्ट हिदायत दी है कि हर रोज फार्मेट के मुताबिक जिलावार शिकायतों का ब्योरा समाधान प्रकोष्ठ को भेजा जाए. मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से सभी प्रशासनिक अधिकारियों, विभागाध्यक्ष, मंडलायुक्त, डीसी, पुलिस अधीक्षक, एडीसी और एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं कि समाधान प्रकोष्ठ की शिकायतों का विवरण हर रोज भेजा जाए.
मुख्य सचिव के निर्देश के बाद सेकेंडरी शिक्षा निदेशक ने समाधान प्रकोष्ठ का फार्मेट हर रोज भेजने के निर्देश दिए हैं. इसको लेकर बाकायदा, एससीईआरटी निदेशक गुरुग्राम, जिला शिक्षा अधिकारी के साथ सभी अधिकारियों को पत्र लिखकर हिदायत दी है कि शिक्षा विभाग के पास आने वाली शिकायतों का विवरण हर रोज मुख्यालय भेजा जाए.
मुख्य सचिव के अनुसार प्रत्येक जिला नागरिक शिकायतों की विस्तृत रिपोर्ट मुख्य सचिव कार्यालय को हर रोज तीन बजे तक भेजगा. नीतिगत कमियों के कारण समाधान में देरी की स्थिति में, रिपोर्टिंग अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यही नहीं समाधान में देरी को लेकर रिपोर्टिंग अधिकारी को कारणों के साथ विवरण प्रस्तुत करना होगा. आमजन शिकायतों को सुबह की बैठक में सरकारी कार्यालय में दर्ज कराएंगे और उसके बाद उन्हें संबंधित फार्मेट में उल्लेखित करना होगा.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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