Haryana: सोनीपत जिले के जिला पार्षदों ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को 72 घंटे की भूख हड़ताल शुरू कर दी. पार्षदों ने संयुक्त रूप से खून इकट्ठा कर मुख्यमंत्री नायब सैनी के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. इस प्रदर्शन में जिला पार्षद संजय बड़वासनिया, रविंद्र इंदौर, तकदीर, विकास, यशपाल बजाना, मनजीत उर्फ भोला, और ब्लॉक समिति सदस्य विकास शर्मा समेत अन्य प्रतिनिधि शामिल हुए.
इस भूख हड़ताल को लेकर प्रमुख मांगें ज्ञापन में जिला पार्षदों और ब्लॉक समिति के सदस्यों ने रखीं हैं जिसमें मुख्य रुप से पांच मांगे हैं. वार्षिक ग्रांट में वृद्धि: जिला पार्षदों को अतिरिक्त एक करोड़ प्रति वर्ष तथा ब्लॉक समिति के सदस्यों को 50 लाख रुपये प्रति वर्ष की ग्रांट दी जाए। जिला प्लान कमेटी का गठन हो जिला विकास कार्यों के लिए स्वतंत्रता प्रदान की जाए. कामकाज की स्वतंत्रता रहे गली, खेत के रास्ते, और चौपाल जैसे काम जिला पार्षद स्वतंत्र रूप से कर सकें. मानदेय और पेंशन पर कहा कि नगर निगम की तर्ज पर भत्ते और पेंशन की व्यवस्था लागू की जाए.
पंचायत कार्यों की जांच में बीडीपीओ और पंचायत सेक्रेटरी के कार्यों में भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच हो.
पार्षदों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए आैर कहा कि पंचायत सेक्रेटरी पर ठेकेदारी का काम करने और जीएसटी में बड़े घोटाले के आरोप लगाए गए हैं. मनरेगा में मशीनों से काम करवाकर भारी घोटाला करने का दावा किया गया. आंदोलन का उद्देश्य बताया कि जिला पार्षदों और ब्लॉक समिति के सदस्यों ने अपनी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया है.
उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में जिला परिषद और ब्लॉक समिति स्वतंत्र रूप से कोई भी कार्य नहीं कर पा रहे हैं. इस मौके पर कई कर्मचारी, समाजसेवी, और प्रतिनिधि मौजूद रहे. उन्होंने सरकार से पंचायती राज की सबसे बड़ी इकाई को या तो भंग करने या उसे मजबूत करने की मांग की है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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