Haryana Assembly Session: हरियाणा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) 20 प्रतिशत आरक्षण के कोटे में कोटा लागू हो गया है. इसमें अब सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत कोटा वंचित अनुसूचित जातियों के लिए और 10 प्रतिशत कोटा अन्य अनुसूचित जातियों के लिए होगा.
आज हरियाणा में सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों के आरक्षण के वर्गीकरण का फैसला तुरंत प्रभाव से लागू होता है। pic.twitter.com/uCZ1yeZdpJ
— Nayab Saini (@NayabSainiBJP) November 13, 2024
विधानसभा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार की शाम एससी-एसटी वर्ग में आरक्षण के उपवर्गीकरण की घोषणा की. मुख्यमंत्री की घाेषणा के कुछ देर बाद ही मुख्य सचिव ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी. अन्य अनुसूचित जाति श्रेणी में 15 तथा वंचित अनुसूचित जाति श्रेणी में 66 जातियां शामिल हैं। सरकार के इस फैसले का सबसे अधिक लाभ वंचित अनुसूचित जाति श्रेणी में शामिल 66 जातियों के लोगों को मिलेगा, जिनके लिए नौकरियों के अवसर लगातार कम होते जा रहे थे.
हरियाणा देश में ऐसा पहला राज्य है, जिसने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को अपने यहां सबसे पहले लागू किया है. विधानसभा में मुख्यमंत्री ने जैसे ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले को हरियाणा में लागू करने की घोषणा की, पूरा सदन तालियों से गूंज उठा. विगत 18 अक्टूबर को हुई कैबिनेट की बैठक में पहले ही एससी-एसटी वर्ग के ज्यादा जरूरतमंदों को आरक्षण का लाभ देने के लिए उपवर्गीकरण पर मुहर लगा दी गई थी. कोटे में कोटा लागू होने से आरक्षण का लाभ उसी वर्ग के ज्यादा जरूरतमंद लोगों को मिल सकेगा, जिन्हें वास्तव में इसकी अधिक जरूरत है.
वर्तमान में वंचित अनुसूचित जातियों का सरकारी सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है, जबकि अन्य अनुसूचित जातियों का उनकी जनसंख्या के अनुपात की तुलना में अधिक प्रतिनिधित्व है. अनुसूचित जातियों के लिए बनाए गए आरक्षण में ग्रुप-ए, बी और सी में अन्य अनुसूचित जातियों को ज्यादा लाभ मिला है और ग्रुप-डी की सेवाओं में वंचित अनुसूचित जातियों को अधिक लाभ मिला है. इस असमानता को खत्म करने, सभी को समान अवसर सुनिश्चित करने और सार्वजनिक रोजगार में पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए उप-वर्गीकरण किया गया है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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