भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार का तख्ता पलटने के बाद वहां रहने वाले अल्पसंख्य हिंदू समुदाय पर लगातार अत्याचार किया जा रहा है. इस्लामिक कट्टरपंथी मानसिकता रखने वाले लोग बुरी तरह से हिंदुओं पर हमले किए जा रहे हैं. भारतीय उच्च आयोग द्वारा इस विषय पर चिंता जताई गई है. वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सलाहकार मुहम्मद यूनुस हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों पर चुप्पी बनाए हुए हैं.
मुहम्मद युनूस की सरकार के चलते मुस्लिम कट्टरपंथियों के हौसले पूरी तरह से मजबूत है. इस बात का अंदाजा हाल ही में हुए चरमपंथी इस्लामिक संगठन हिजाफत-ए-इस्लाम ने अपनी सभी हदें पार करते हुए खुलेआम हिंदुओं के कत्लेआम का ऐलान किया था. इतना ही नहीं कुछ समय पहले उनकी तरफ से सनातन धर्म का प्रचार करने वाली संस्था ISCON को मानने वाले भक्तों को भी जान से मारने की धमकी दी है. हिजाफत-ए-इस्लाम ने सरेआम यह नारा लगाया है कि एक ISCON भक्त को पकड़ो और उसका कत्ल करो.
इस पूरे मामले में को लेकर बांग्लादेश की निर्वासित तस्लीमा नसरीन ने कहा है कि चटगांव स्थित हिफाजत इस्लाम ने आतंकवाद पर बात करते हुए इस्कॉन के खिलाफ बैन करने का ऐलान किया. वह संगठन इस्कॉन धर्म को मानने वाले हर भक्त को मौत के घाट उतारना चाहते हैं. तो लेखिका तस्लीमा नसरीन ने सवाल पूछा कि इस्कॉन क्या कोई आंतकवादी संगठन है जिसके खिलाफ इतने भड़काऊ बयान दिए जा रहे हैं. क्या उन्होंने जय श्री राम और राधे कृष्ण जपते हुए किसी की हत्या की है हां, इस्लामिक आतंकी जरुरत अल्लाह हु अकबर का नारा लगाते हुए लोगों की हत्याएं करते हैं.
दरअसल जिहादी मानसिकता से पीड़ित कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम पर बात भड़काउ बयानों पर बात करते हुए तस्लीम नसरीन बताती है कि इस समय बांग्लादेश में रहने वाले ज्यादातर इस्लामिक कट्टरपंथी हीं हैं जोकि जिहादी मानसिकता वाले हैं. यह गैर मुस्लिमों को एक ही नजर से देखते हैं और उन्हें उन्हीं की है जमीन से निकालना चाहते हैं इसके लिए ही वो ऐसे तरीके अपनाते हैं.
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