Haryana: हरियाणा के जींद जिले में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर प्रशासन ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है. जींद जिला एनसीआर में शामिल है और ग्रैप 2 सिस्टम लागू है. जिला में इसका पालन नहीं करने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की स्पेशल टीम ने शहर में निर्माण साइट, औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण किया.
इस दौरान तीन जनरेटर सील, किए गए तो आठ कंस्ट्रक्शन साइट को नोटिस जारी किया गया है. जिले में शनिवार को एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है. सुबह के समय स्माग छाया रहता है जिससे लोगों की आंखों में जलन हो रही है. ग्रैप.2 के नियमों के अनुसार निर्माण साइट पर प्रदूषण फैलने से रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पांच हजार वर्ग मीटर से बड़ी ये साइट हैं. जो आनलाइन डस्ट पोर्टल पर प्रदूषण नियंत्रण को लेकर उनकी तरफ से किए जा रहे कार्यों की रिपोर्ट नहीं भेज रहे हैं. निर्माण साइट पर पानी के छिड़काव व निर्माण सामग्री के ढके होने का सबूत पोर्टल पर भेजने होते हैं. वहीं सेल्फ आडिट रिपोर्ट भी नहीं दी. जोकि नियमानुसार जरूरी है.
वहीं ग्रैप.2 के चलते जिले में 19 केवी से ऊपर क्षमता वाले जनरेटर ड्यूल फ्यूल किट लगाकर या रेट्रो फिटेड एकइसन कंट्रोल डिवाइस लगाकर ही चला सकते हैं. इसके बगैर जनरेटर नहीं चला सकते. शहर में दुकानों व बड़े प्रतिष्ठानों पर 19 केवी से ज्यादा क्षमता के जनरेटर नियमों का पालन किए बगैर ही चलाए जा रहे हैं. स्पेशल टीम ने निरीक्षण के दौरान तीन जनरेटर को सील करवाया हैए जो नियमों की अनदेखी कर चल रहे थे और प्रदूषण फैला रहे थे. वहीं एक औद्योगिक को भी बंद करने के आदेश जारी हुए हैं. इस औद्योगिक इकाई संचालक के पास हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति नहीं है.
वहीं कृषि विभाग के सुपरवाइजर अमृत ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि रोक के बाद भी गांव धमतान साहिब निवासी राजेंद्र ने अपने खेत में पराली को जलाया है. वहीं गांव दरियावाला निवासी मनदीप के खेत में भी पराली जलाना पाया गया. वहीं गांव बडनपुर निवासी अजमेर के खेत में भी पराली को जलाया गया. संबंधित थाना पुलिस ने शिकायतों के आधार पर चारों किसानो के खिलाफ मामले दर्ज कर लिया है.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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