Haryana: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा करने वाले पूर्व मंत्री अनिल विज बैकफुट पर आ गए हैं. विज ने कहा कि पार्टी जो भी जिम्मदारी देगी, वह उन्हें मंजूर हाेगी. पार्टी अगर उन्हें गेट पर चपरासी भी लगाएगी तो भी वह खुश हैं. भाजपा ने उन्हें बहुत सम्मान दिया है.
अपने पूर्व में दिए बयान पर विज ने कहा कि कुछ लोगों ने उनके बारे में यह बात फैलाई थी कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते हैं. जिसके जवाब में उन्होंने कहा था कि वह सात बार के विधायक हैं, पार्टी अगर उन्हें मुख्यमंत्री बनाती है तो कोई एतराज नहीं है. विज ने कहा है कि वह पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं. पार्टी अगर उन्हें गेट पर चपरासी भी लगाएगी तो भी वह खुश हैं. भाजपा ने उन्हें बहुत सम्मान दिया है.
विधायक दल की बैठक के बाद राज्यपाल से मुलाकात करने पहुंचे भाजपा शिष्टमंडल के साथ अनिल विज भी थे. मीडिया से बातचीत में विज ने कहा कि उन्हें पार्टी की तरफ से यह निर्देश जारी हुआ था कि वह नायब सैनी के नाम का अनुमाेदन करेंगे. विधायक चाहते थे कि नायब सैनी मुख्यमंत्री बनें. उन्होंने हाईकमान के आदेशों का पालन करते हुए नायब सैनी के नाम का अनुमाेदन किया. विज ने कहा कि वह जो भी हैं भाजपा की बदौलत हैं. पार्टी से उपर उनके लिए कुछ नहीं है. वह हमेशा ही पार्टी के प्रति निष्ठावान रहे हैं. पार्टी अगर चाहे तो उन्हें गेट पर चपरासी भी लगा सकती है. वह उस डयूटी को भी पूरी मेहनत व ईमानदारी के साथ निभाएंगे.
दरअसल, इससे पहले अनिल विज ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने कार्यकर्ताओं से कहा था कि चुनाव जीतने के बाद उनकी अगली मुलाकात मुख्यमंत्री आवास में होगी. अनिल विज सार्वजनिक रूप से मीडिया के समाने भी यह दावा कर चुके हैं कि सातवीं बार विधायक बनने के बाद वरिष्ठता के नाते वह मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावा पेश करेंगे. उन्हें मुख्यमंत्री बनाना या नहीं बनाना यह पार्टी हाईकमान का फैसला है. पिछले दो दिन से हरियाणा की राजनीति में यह चर्चा जोरों पर थी कि अनिल विज के दावे के बाद किसी प्रकार की विपरीत परिस्थितियां पार्टी में पैदा न हों, इसके लिए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह चंडीगढ़ पहुंचे हैं.
साभार – हिंदुस्थान समाचार
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